कानूनी दांव पेंच में फंसा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट कानूनी दांव पेंच में फंस गया है। एयरपोर्ट प्रभावित गांव किशोरपुर के ग्रामीणों ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ इलाहाबाद हाइकोर्ट में सात याचिकाएं दायर की हैं। उन्होंने हाइकोर्ट से जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना रद करने का अनुरोध किया है। कोर्ट इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगा।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट कानूनी दांव पेंच में फंस गया है। एयरपोर्ट प्रभावित गांव किशोरपुर के ग्रामीणों ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में सात याचिकाएं दायर की हैं। उन्होंने हाई कोर्ट से जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना रद करने का अनुरोध किया है। कोर्ट इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगा।
जेवर एयरपोर्ट के लिए रोही, परोही, दयानतपुर, बनबारीवास, किशोरपुर, रन्हेरा गांव की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। कुल 1334 हेक्टेयर जमीन ली जानी है। इसमें 94 हेक्टेयर जमीन सरकारी है। जमीन अधिग्रहण की धारा 19 की कार्रवाई चल रही है। शनिवार को रन्हेरा व पारोही गांव के लिए अवार्ड घोषित करने की तैयारी थी। इससे पहले ही किशोरपुर गांव के ग्रामीण योगेश, महेश कुमार, देवदत्त, चंद्रभान, कुंवरपाल ¨सह आदि ने एयरपोर्ट की जमीन अधिग्रहण के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। उन्होंने अधिग्रहण की अधिसूचना रद करने के साथ ही धारा 11 व 19 की कार्रवाई पर स्थगन की मांग की है। ग्रामीणों ने अपनी याचिका में ग्रामीण क्षेत्र को शहरी क्षेत्र में अधिसूचित कर दो गुना मुआवजा समेत विभिन्न ¨बदु शामिल किए हैं। ग्रामीणों ने दावा किया है कि जमीन अधिग्रहण के लिए किशोरपुर गांव के लोगों की सत्तर फीसद सहमति नहीं थी। इसके बावजूद जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरु कर दी गई।
हाई कोर्ट में याचिका की सुनवाई को लेकर सरकार की ओर से मजबूती से पक्ष रखने की तैयारी है। यमुना प्राधिकरण को भी याचिका में पार्टी बनाया गया है। प्राधिकरण ने अपना पक्ष रखने के लिए ओएसडी शैलेंद्र भाटिया को दस्तावेज के साथ भेजा है।