Move to Jagran APP

किसानों की आड़ में अधिकारियों ने किया जमीन का खेल

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने किसानों की आड़ में हाथरस में भी जमीन

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 07:40 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 07:40 PM (IST)
किसानों की आड़ में अधिकारियों ने किया जमीन का खेल
किसानों की आड़ में अधिकारियों ने किया जमीन का खेल

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने किसानों की आड़ में हाथरस में भी जमीन घोटाला किया। यमुना एक्सप्रेस वे की जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को सात फीसद आबादी भूखंड देने के नाम पर करोड़ों रुपये की जमीन बेवजह खरीदी गई। आगरा, मथुरा जिले के प्रभावित किसानों को भी हाथरस जिले में सात फीसद आबादी भूखंड देने के लिए करोड़ों की जमीन खरीद डाली। जबकि, सात फीसद भूखंड विस्थापित किसानों के गांवों के नजदीक दिए जाते हैं। प्रारंभिक जांच में घोटाला सामने आने के बाद चेयरमैन व मेरठ मंडल के कमिश्नर डा. प्रभात कुमार के निर्देश पर सीईओ डा. अरुणवीर ¨सह ने महाप्रबंधक नियोजन को विस्तृत जांच सौंप दी है।

loksabha election banner

यमुना एक्सप्रेस वे हाथरस जिले में मुढ़ावली गांव से होकर गुजरता है। एक्सप्रेस वे के लिए प्राधिकरण ने गांव की 42 हैक्टेयर जमीन अधिगृहीत की थी। जमीन अधिग्रहण के प्रभावित किसानों को आबादी भूखंड के नाम पर अधिकारियों ने खेल कर दिया। किसानों को सात फीसद आबादी भूखंड देने के लिए मास्टर प्लान के बाहर जाकर हाथरस जिले में जमीन खरीदी गई। इसका असल मकसद अपने लोगों को करोड़ों रुपये का फायदा पहुंचाना था। इसलिए पहले उनके करीबियों को सस्ते दाम पर किसानों से जमीन खरीदी। इसके बाद उनसे प्राधिकरण ने जमीन खरीद ली। अपनों को अधिक से अधिक फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारियों ने नियमों को भी पूरी तरह से ताक पर रख दिया। आगरा व मथुरा जिले में एक्सप्रेस वे की जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को आबादी भूखंड देने के नाम पर हाथरस जिले में जमीन खरीदी गई।

नोएडा के रमेश बंसल ने नवंबर में इसकी शिकायत प्राधिकरण चेयरमैन एवं मेरठ मंडल कमिश्नर डा. प्रभात कुमार से की थी। उन्होंने प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों पर गलत तरीके से जमीन खरीद फरोख्त कर अपने रिश्तेदार एवं परिचितों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था। मुआवजा उठाकर जमीन खरीदी, फिर उठाया मुआवजा : चेयरमैन ने हाथरस में हुई जमीन खरीद की प्रारंभिक जांच कराई तो कई हैरानी वाली बात सामने आई। मथुरा जमीन घोटाले में जिन कंपनियों एवं लोगों के नाम सामने आए थे। वे ही हाथरस जमीन घोटाले में भी शामिल मिले। उन्होंने पहले मथुरा में किसानों से कौड़ियों के भाव जमीन खरीदकर करोड़ों रुपये मुआवजा उठाया। मुआवजे की कुछ रकम से हाथरस में कौड़ियों के दाम जमीन खरीदकर फिर से प्राधिकरण को बेचकर करोड़ों के वारे न्यारे किए। मथुरा व हाथरस जमीन घोटाले के बीच समानता मिलने के बाद चेयरमैन डा. प्रभात कुमार ने सीईओ डा. अरुणवीर ¨सह को मामले की विस्तृत जांच कराने के निर्देश दिए हैं।

इन ¨बदुओं पर होगी विस्तृत जांच : किस उपयोग के लिए जमीन खरीदी गई, खरीदी गई जमीन समेकित है या टुकड़ों में है। जिस वक्त जमीन खरीदी गई, उसका भूपयोग क्या था और मास्टर प्लान में जमीन किस उपयोग के लिए चिह्नित है। क्रय जमीन की वर्तमान में स्थिति क्या है? मुख्यमंत्री व कमिश्नर की नाराजगी के बाद सक्रिय हुई पुलिस : मथुरा जमीन खरीद घोटाले में प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता समेत 21 के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। तीन सप्ताह बीत जाने के बावजूद पुलिस आरोपितों को पकड़ नहीं पाई है। इस पर मेरठ मंडल के कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने एडीजी जोन प्रशांत कुमार, आइजी रामकुमार व एसएसपी डा. अजयपाल शर्मा को फोन कर नाराजगी जाहिर की। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया है। उन्होंने भी पुलिस के आला अफसरों को तत्काल कड़े और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए सक्रिय हो गई है। एसएसपी ने कई टीम बनाकर आरोपितयों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं। हाथरस जिले में प्राधिकरण की बिना आवश्यकता के जमीन खरीदने की शिकायत चेयरमैन से की गई थी। इसकी जांच महाप्रबंधक नियोजन को सौंपी गई है। उन्हें जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

डा. अरुणवीर ¨सह, सीईओ यमुना प्राधिकरण


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.