प्राधिकरण के प्रयास ने थाम दिया गिरता भूजल स्तर
कुंदन तिवारी नोएडा एनसीआर में लगातार गिरते भूजल स्तर को लेकर केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ह
कुंदन तिवारी, नोएडा: एनसीआर में लगातार गिरते भूजल स्तर को लेकर केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ही नहीं, बल्कि जल शक्ति मंत्रालय भी गंभीर है। लगातार नगर निगमों व प्राधिकरणों पर भूजल स्तर बढ़ाने का दबाव बना रहे और प्राकृतिक स्त्रोत बढ़ाने को कह रहे हैं, साथ ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले शोधित जल का इस्तेमाल कराने को कहा जा रहा है। प्राधिकरण के प्रयास से केंद्रीय भूजल और जल शक्ति मंत्रालय को नोएडा से बल मिल रहा है। गिरते भूजल स्तर को स्थिर कर दिया गया है। प्रतिदिन करीब 135 एमएलडी भूजल दोहन को रोका जा रहा है।
जबकि पिछले कई वर्ष से दो से पांच मीटर भूजल स्तर नीचे गिरने की समस्या शहर में बनी हुई थी। यह सफलता प्राधिकरण ने शहर को चार हिस्सों में बांट सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़कर हासिल की है। इसमें सीवरेज ट्रीटमेंट के जरिये निकलने वाले पानी से 190 सेक्टर, 29 गांवों की बागवानी, सड़क की धुलाई, कंस्ट्रक्शन साइट पर इस्तेमाल किया जा रहा है। प्राधिकरण ने इस कार्य प्रणाली की रिपोर्ट से नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) को भी अवगत कराया गया है।
मास्टर प्लान 2031 में बढ़ेगी 180 क्षमता: सेक्टर-50, सेक्टर-54, सेक्टर-123, सेक्टर-168 में बने एसटीपी में जल शोधित किया जा रहा है। एसटीपी तक सीवरेज पहुंचाने के लिए 36 सीवरेज पंपिंग स्टेशन सीवरेज को अपलिफ्ट के लिए बनाए गए हैं। इन एसटीपी से कुल 190 एमएलडी सीवरेज को शोधित किया जा रहा है। वर्तमान में छह एसटीपी से 236 एमएलडी पानी को शोधित किया जा रहा है। मास्टर प्लान-2031 के अनुसार दो और एसटीपी का निर्माण जारी है। इनकी क्षमता 180 एमएलडी होगी। यह है स्थिति
एसटीपी क्षमता स्टेटस कुल क्षमता मास्टर प्लान 2031
एसटीपी-54 33 एमएलडी पूर्ण 87 एमएलडी 96-43 एमएलडी
एसटीपी-54 54 एमएलडी पूर्ण
एसटीपी-50 25 एमएलडी पूर्ण 59 एमएलडी 57.90 एमएलडी
एसटीपी-50 34 एमएलडी पूर्ण
एसटीपी-123 35 एमएलडी पूर्ण 115 एमएलडी 163 एमएलडी
एसटीपी-123 80 एमएलडी अंतिम चरण में
एसटीपी-168 50 एमएलडी पूर्ण
एसटीपी-168 100 एमएलडी अंतिम चरण में 150 एमएलडी 200 एमएलडी
कुल 411 एमएलडी 411 एमएलडी 517.33 एमएलडी इस प्रकार शहर को बांटा गया
खंड सेक्टर गांव
ए 53 8
बी 18 4
सी 28 9
डी 91 33 एनसीआर में नोएडा प्राधिकरण ने भूजल दोहन को रोकने का बहुत ही सार्थक प्रयास किया है। इसमें काफी हद तक सफलता है। इससे अन्य प्राधिकरण व नगर निगम को सबक लेना चाहिए।
-विक्रांत तोंगड़, पर्यावरणविद औद्योगिक इकाइयों व सोसायटी में लगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित जल का प्रयोग सिंचाई, धुलाई व कंस्ट्रक्शन साइट पर किया जाए। घर, फैक्ट्री, कंपनियों व सोसायटी में लगे आरओ से निकलने वाला पानी बर्बाद न किया जाए, यह अपील लोगों से की जा रही है।
-रितु माहेश्वरी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा प्राधिकरण