नई शिक्षा नीति से श्रेष्ठ भारत, एक भारत का सपना होगा पूरा : रमेश पोखरियाल
देश की शिक्षा को विश्व स्तर पर शिखर तक पहुंचाने के लिए सरकार जल्द ही नई शिक्षा नीति लाने जा रहा है। बृहस्पतिवार को नोएडा सेक्टर 125 स्थित एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आए कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि एक भारत और श्रेष्ठ भारत का सपना पूरा करने के लिए हमारी सरकारी ने सारी तैयारी कर ली है और जल्द लोगों के लिए नई शिक्षा नीति लायी जाएगी। नई शिक्षा नीति ज्ञान विज्ञान नवाचार और अविष्कार की तमाम विधाओं पर केंद्रित तो होगी ही साथ ही
जागरण संवाददाता, नोएडा :
देश की शिक्षा को विश्व स्तर पर शिखर तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही नई शिक्षा नीति लाने जा रही है। बृहस्पतिवार को नोएडा सेक्टर 125 स्थित एमिटी विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में आए कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि एक भारत और श्रेष्ठ भारत का सपना पूरा करने के लिए हमारी सरकार ने सारी तैयारी कर ली हैं। नई शिक्षा नीति ज्ञान, विज्ञान, नवाचार और अविष्कार की तमाम विधाओं पर केंद्रित तो होगी ही साथ ही यह भारत की परंपरा पर आधारित होगी। बच्चों को शिक्षित करने के साथ उन्हें संस्कार भी सिखाएगी। लाख से अधिक लोगों के परामर्श के बाद तैयार किया मॉडल : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि हमारे देश में लगभग 33 करोड़ छात्र- छात्राएं विभिन्न पाठ्यक्रम में पढ़ते हैं, कई देशों में इतनी जनसंख्या भी नहीं है। एक समय था कि जब हमारे देश में शिक्षा ग्रहण करने के लिए विश्वभर से लोग नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों में आते थे। आज हमें एक बार फिर दुनिया के सामने शिखर पर पहुंचना है। इसलिए सरकार ने नई शिक्षा नीति पर काम करना शुरू कर दिया है। जिसे तैयार करने के लिए छात्रों से लेकर अभिभावक, विशेषज्ञों से लेकर समाज के हर क्षेत्र के व्यक्ति और राजनीति से लेकर एक लाख 10 हजार ग्राम समितियों तक व्यापक परामर्श लिया गया है। देश में प्रतिभाओं का भंडार
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भारत को सशक्त बनाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के निर्माण की परिकल्पना को पूरा करेगी। शिक्षा नीति नए भारत, स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, श्रेष्ठ भारत और एक भारत के सपने को पूरा करने की आधार शिला है। हम आशा कर रहे हैं कि जल्द ही यह लोगों के सामने आएगी। और पूरी दुनिया में भारत ज्ञान के सबसे बड़े भंडार के रूप में नाम रोशन करेगा।