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लूटे गए मोबाइलों का बदलते थे आइएमइआइ नंबर, चार गिरफ्तार

राहगीरों से लूटी गई मोबाइल का यूट्यूब की मदद से लॉक खोल कर आइएमइआइ नंबर बदल कर बेचने वाले गैंग के चार सदस्यों को कोतवाली सेक्टर 20 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मोबाइल का लॉक खोलना और आइएमइआइ नंबर बदलने की तरकीब गैंग के एक सदस्य ने यूट्यूब की मदद से सीखा था। वह सिर्फ बीए पास है। गैंग के तीन सदस्य बाइक से राहगीरों से मोबाइल लूट कर उसे देते थे। वह 500 रुपये लेकर लॉक खोल कर आइएमइआइ नंबर बदल देता था। जिसे गैंग के सदस्य बड़ी आसानी से 3 से 10 हजार रुपये में राहगीरों को ही बेच देते थे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 10:12 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 10:12 PM (IST)
लूटे गए मोबाइलों का बदलते थे आइएमइआइ नंबर, चार गिरफ्तार
लूटे गए मोबाइलों का बदलते थे आइएमइआइ नंबर, चार गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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राहगीरों से लूटे गए मोबाइल का आइएमइआइ नंबर बदल कर बेचने वाले गैंग के चार सदस्यों को कोतवाली सेक्टर 20 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मोबाइल का लॉक खोलने और आइएमइआइ नंबर बदलने की तरकीब गैंग के एक सदस्य ने यूट्यूब की मदद से सीखी थी। वह बीए पास है। गैंग के तीन सदस्य बाइक से राहगीरों से मोबाइल लूट कर उसे देते थे। वह 500 रुपये लेकर मोबाइल का लॉक खोल कर उसका आइएमइआइ नंबर बदल देता था। इसके बाद गैंग के सदस्य 3 से 10 हजार रुपये में मोबाइल बेच देते थे।

एसपी सिटी सुधा ¨सह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों की पहचान वसीम निवासी इटावा, दिलशाद निवासी संभल, मंजीत निवासी अलीगढ़ और विजय कुमार निवासी बिहार के रूप में हुई है। वसीम और दिलशाद दिल्ली और विजय और मंजीत हरौला में रह रहे थे। इनका एक साथी शाहरूख उर्फ भेड़ निवासी दिल्ली फरार है। इनके कब्जे से लूट के 6 मोबाइल के साथ दिल्ली से चोरी एक स्कूटी और गाजियाबाद से चोरी की गई एक बाइक बरामद हुई है।

एसपी सिटी ने बताया कि बुधवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे कोतवाली सेक्टर 20 के प्रभारी इंस्पेक्टर मनोज कुमार पंत को मुखबिर से सूचना मिली कि सेक्टर 15 से स्कूटी और बाइक पर सवार होकर पांच बदमाश लूट के माल के साथ जा रहे हैं। सूचना पर पुलिस टीम ने उन्हें दबोच लिया गया। गैंग का सरगना मंजीत और शाहरूख है। शाहरूख अभी फरार है। शाहरूख, वसीम और दिलशाद बाइक से राहगीरों से मोबाइल लूटते थे और मंजीत के जरिये विजय के पास पहुंचाते थे। विजय की मोबाइल रिपेय¨रग की दुकान भी है। वह मोबाइल का लॉक और उसका आइएमइआइ नंबर बदलने में माहिर है। उसने यह यूट्यूब के जरिये सीखा था। विजय लूट के मोबाइल का लॉक खोलने के बाद आइएमइआइ नंबर बदल देता था, जिसे मंजीत राहगीरों को बेच देता था।


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