बाकी शुल्क नहीं तो कंपोजिट फीस में सब कर लिया बराबर
सुनाक्षी गुप्ता नोएडा कोरोना महामारी के मद्देनजर अभिभावकों को राहत देने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 20 मई को उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलों के लिए निर्देश जारी किया था। इसमें स्पष्ट किया था कि स्कूल 2019-20 सत्र के अनुसार ही फीस ले सकेंगे और फीस में बढ़ोतरी नहीं करेंगे।
सुनाक्षी गुप्ता, नोएडा : कोरोना महामारी के मद्देनजर अभिभावकों को राहत देने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 20 मई को उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलों के लिए निर्देश जारी किया था। इसमें स्पष्ट किया था कि स्कूल 2019-20 सत्र के अनुसार ही फीस ले सकेंगे और फीस में बढ़ोतरी नहीं करेंगे। साफ किया था कि जब तक स्कूल आफलाइन मोड में शुरू नहीं होते कोई विद्यालय परीक्षा शुल्क, क्रीडा शुल्क, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, कंप्यूटर और वार्षिक फंक्शन का शुल्क नहीं वसूलेंगे। चार दिन बीतने के बाद भी अब तक जिले के किसी भी स्कूल ने न तो इस आदेश का पालन किया और न ही वह अभिभावकों के ई-मेल और काल का उत्तर दे रहे हैं।
स्पष्ट है कि शिक्षा के व्यापारी किसी भी हाल में सरकारी आदेश का पालन करने को तैयार नहीं हैं। यहां तक कि उन्हें जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग की कार्रवाई का भी डर नहीं है। स्कूल प्रबंधन इस कदर चालाकी पर उतर आए हैं कि वह फीस में कटौती के नाम पर बताते हैं कि हम अभिभावकों से केवल कंपोजिट फीस ले रहे हैं। जब यह पूछा जाता है कि आखिर कंपोजिट फीस में क्या-क्या शुल्क शामिल हैं, तो इसका कोई उत्तर नहीं मिलता है। हताश अभिभावक अपनी समस्या लेकर जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक से अपील कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर अभियान चला रहे हैं ताकि कहीं भी उनकी सुनवाई हो सके। वर्जन.. एक वर्ष से आरटीआइ सहित कई माध्यम से स्कूलों की बैलेंस शीट मांग चुके हैं, ताकि हाई कोर्ट में इसे पेश कर फीस में रियायत की मांग सके। उत्तर प्रदेश फीस रेगुलेशन एक्ट (2018) के तहत स्कूलों ने विभिन्न शुल्क मिलाकर उसे कंपोजिट फीस का नाम दिया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इस कंपोजिट फीस में वह ट्यूशन फीस के अलावा अन्य क्या शुल्क ले रहे हैं।
- अभिष्ट गुप्ता, अभिभावक
----- सोमवार को जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र भेज स्कूलों द्वारा सभी शुल्क संयोजित कर वसूली जा रही कंपोजिट फीस का विवरण मांगा गया है। जिले के सभी स्कूलों से ट्यूशन फीस और अन्य फीस को स्पष्ट करने के लिए कहा है, क्योंकि तभी अभिभावकों को सरकारी आदेश का लाभ मिलेगा।
- यतेंद्र कसाना, अध्यक्ष आल नोएडा स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन
अगर स्कूल अपनी जगह सही है तो वह 2018 से पहले जिस तरह ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क का ब्रेक-अप देते थे, उसी प्रकार फिर से फीस को स्पष्ट करें और अपने पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि सभी अभिभावक ट्यूशन फीस जमा कर सकें।
- मनोज कटारिया, संस्थापक, गौतमबुद्धनगर पेरेंट्स वेल्फेयर सोसाइटी
----- स्कूल फीस में कोई दिक्कत नहीं है। सरकार द्वारा फीस में रियायत का कोई आदेश हमारे पास नहीं आया है। स्कूल ने किसी भी प्रकार से फीस नहीं बढ़ाई है। हम पहले के अनुसार ही कंपोजिट फीस ले रहे हैं, जोकि सरकारी नियम के अनुरूप है।
- अरुल राज, प्रधानाचार्य, समरविले स्कूल सेक्टर 22 नोएडा
---- शासनादेश को सभी स्कूलों को भेज इसका पालन करने के लिए कहा है। 2018 में कंपोजिट फीस आई थी। अब स्कूल प्रबंधन फिर से फीस ब्रेक-अप कर जारी करें। अभिभावकों की तरफ से कुछ शिकायतें भी आई हैं, जिनके संबंध में स्कूलों से जवाब मांगा गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
- डॉ.धर्मवीर सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक, गौतमबुद्धनगर