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हस्तशिल्प उद्योग ने की जमीन खरीद में सब्सिडी की मांग

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा हस्तशिल्प उद्योग को यमुना प्राधिकरण में निवेश पर 30 फीसद की सब्सिडी मिल सकती है। यह सब्सिडी जमीन की खरीद पर दी जाएगी। हस्तशिल्प उद्योग ने कपड़ा उद्योग की तर्ज पर शासन से सब्सिडी की मांग की थी। शासन ने इस पर सकारात्मक रुख दिखाया है। यमुना प्राधिकरण ने औद्योगिक भूखंड की योजना निकाल रखी है। इसमें सूक्ष्म लघु एवं मझौले उद्योग अपैरल एवं हस्तशिल्प के लिए करीब एक हजार भूखंड आवंटित होंगे। योजना में आवेदन की प्रक्रिया चल रही है लेकिन हस्तशिल्प उद्योग ने निवेश के लिए सब्सिडी की मांग की थी। प्रदेश सरकार की पॉलिसी के तहत कपड़ा उद्योग को 30 फीसद की सब्सिडी जमीन खरीद पर दी जाती है। इकाई क्रियाशील होने पर सरकार यह धनराशि उद्यमी के खाते में वापस करती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 07:13 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 07:13 PM (IST)
हस्तशिल्प उद्योग ने की जमीन खरीद में सब्सिडी की मांग
हस्तशिल्प उद्योग ने की जमीन खरीद में सब्सिडी की मांग

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : हस्तशिल्प उद्योग को यमुना प्राधिकरण में निवेश पर 30 फीसद की सब्सिडी मिल सकती है। यह सब्सिडी जमीन की खरीद पर दी जाएगी। हस्तशिल्प उद्योग ने कपड़ा उद्योग की तर्ज पर शासन से सब्सिडी की मांग की थी। शासन ने इस पर सकारात्मक रुख दिखाया है।

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यमुना प्राधिकरण ने औद्योगिक भूखंड की योजना निकाल रखी है। इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्योग, अपैरल एवं हस्तशिल्प के लिए करीब एक हजार भूखंड आवंटित होंगे। योजना में आवेदन की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन हस्तशिल्प उद्योग ने निवेश के लिए सब्सिडी की मांग की थी। प्रदेश सरकार की पॉलिसी के तहत कपड़ा उद्योग को 30 फीसद की सब्सिडी जमीन खरीद पर दी जाती है। इकाई क्रियाशील होने पर सरकार यह धनराशि उद्यमी के खाते में वापस करती है।

हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद ने पिछले दिनों इस बारे में शासन के सामने मांग उठाई थी। परिषद का कहना है कि देश से बड़े पैमाने पर हस्तशिल्प का निर्यात किया जाता है। विदेशी मुद्रा देश में आती है। इसलिए हस्तशिल्प उद्योग को कपड़ा उद्योग की तरह सब्सिडी मिलनी चाहिए। शासन ने इसके प्रति सकारात्मक रुख दिखाया है। शासन स्तर से जल्द इस संबंध में यमुना प्राधिकरण को दिशा-निर्देश जारी होने की संभावना है। छूट मिलने पर निवेश के लिए आएंगे यहां

देश के विभिन्न हिस्सों में हस्तशिल्प का काम होता है। इस कारोबार से जुड़े तमाम लोग ईपीसीएच के सदस्य या उससे जुड़े हैं। ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार का कहना है कि शासन व यमुना प्राधिकरण को पत्र देकर कपड़ा उद्योग की तरह हस्तशिल्प उद्योग को भी छूट देने की मांग की गई है। अगर छूट मिलती है तो देश भर के हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े लोग यहां निवेश के लिए आगे आएंगे।

योजना में अब तक करीब छह से आवेदन मिले

फरवरी में निकाली गई औद्योगिक भूखंड योजना में प्राधिकरण को अब तक 599 आवेदन मिल चुके हैं। योजना में 980 भूखंड हैं। यह भूखंड सेक्टर-29 में आवंटित होंगे। इस योजना में आवेदन करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। योजना समाप्त होने पर प्राधिकरण अगले माह इसका ड्रॉ निकाल सकता है। कोविड-19 की वजह से प्राधिकरण ने तीन बार योजना की अंतिम तिथि को बढ़ाया है। प्राधिकरण की औद्योगिक भूखंड की क्लस्टर योजना 31 जुलाई को समाप्त होगी। इसमें करीब 600 आवेदन मिल चुके हैं। प्रदेश सरकार की पॉलिसी के अनुसार आवंटियों को छूट प्रदान की जाएगी।

- डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण


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