समस्याओं का अंबार, ध्यान नहीं देते जिम्मेदार
समसपुर गांव में समस्याओं का अंबार है लेकिन जनप्रतिनिधियों के ध्यान न देने से ग्रामीणों में रोष है। दैनिक जागरण द्वारा आयोजित चुनावी चौपाल में ग्रामीणों ने अपना दुख बताया। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के कुछ रास्ते अभी भी कच्चे और जर्जर हैं। इनकी मरम्मत कई वर्षों से नहीं हुई है। सीवर न होने से नालियों का पानी सड़क पर बहता है।
मुस्तकीम खान, दनकौर:
समसपुर गांव में समस्याओं का अंबार है, लेकिन जनप्रतिनिधियों के ध्यान न देने से ग्रामीणों में रोष है। दैनिक जागरण द्वारा आयोजित चुनावी चौपाल में ग्रामीणों ने अपना दुख बताया। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के कुछ रास्ते अब भी कच्चे और जर्जर हैं। इनकी मरम्मत कई वर्षों से नहीं हुई है। सीवर न होने से नालियों का पानी सड़क पर बहता है। स्ट्रीट लाइट नहीं होने से गांव में अंधेरा छाया रहता है। ग्रामीणों ने स्ट्रीट लाइट लगाने को कई बार जनप्रतिनिधियों और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को पत्र लिखे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। गांव की मुख्य समस्या श्मशान घाट का न होना है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सामुदायिक भवन और खेल का मैदान नहीं है। इस बार के चुनाव में वही जनप्रतिनिधि चुनेंगे, जो गांव की समस्याओं पर ध्यान देगा और उन्हें पूरा करने की बात करेगा। गांव का इतिहास गांव का इतिहास करीब 120 वर्ष पुराना है। सबसे पहले यहां ऊंची दनकौर से मिश्री नागर आकर बसे थे। उनके बाद कुछ परिवार दादरी के धूम मानिकपुर से भी आकर बसे। गांव की मौजूदा समस्याएं 1- सीवर समस्या
2- स्ट्रीट लाइट
3- श्मशान घाट न होने से खेतों में करना पड़ता है अंतिम संस्कार
4- गांव में कच्चे हैं कई रास्ते
5- पंचायतीराज व्यवस्था समाप्त होने से समस्याओं के निस्तारण में कमी
6- बरातघर व सामुदायिक भवन नहीं है
7- गांव के वृद्ध, विधवा व दिव्यांगों को पेंशन नहीं मिल रही है।
क्या कहते हैं ग्रामीण गांव में श्मशान घाट न होने से अंतिम संस्कार अपने ही खेत पर करना पड़ता है। गांव की समस्या का प्रमुखता से निस्तारण होना चाहिए।
-सतवीर नागर, ग्रामीण
गलियों में स्ट्रीट लाइट न होने से रात में अंधेरा छाया रहता है। युवाओं के लिए खेल का मैदान भी हो, ताकि प्रतिभाएं निखरकर आगे आएं।
-सुनील नागर, ग्रामीण
ग्राम पंचायत समाप्त होने के बाद गांव ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधीन है। इससे समस्याओं का अंबार लगा है, लेकिन उनका समाधान करने कोई नहीं आता।
-जेपी नागर, ग्रामीण
विकासखंड समाप्त होने के बाद छोटी-छोटी समस्याओं के लिए भी जेवर कस्बा जाना पड़ता है। दनकौर विकासखंड बहाल हो। गांव में सामुदायिक भवन बनना चाहिए।
-सतवीर नागर