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कांटों भरी रही जिले के प्रथम नागरिक की कुर्सी

अजब सिंह भाटी ग्रेटर नोएडा जिले के प्रथम नागरिक (जिला पंचायत अध्यक्ष) पद का ताज जिले में शुरुआत से ही कांटों भरा रहा हैं। आंकड़े गवाह हैं कि प्रथम नागरिक की कुर्सी पर कोई भी अध्यक्ष अपने कार्यकाल को पूरा नहीं कर पाया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 07:16 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 07:16 PM (IST)
कांटों भरी रही जिले के प्रथम नागरिक की कुर्सी
कांटों भरी रही जिले के प्रथम नागरिक की कुर्सी

अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा : जिले के प्रथम नागरिक (जिला पंचायत अध्यक्ष) पद का ताज जिले में शुरुआत से ही कांटों भरा रहा हैं। आंकड़े गवाह हैं कि प्रथम नागरिक की कुर्सी पर कोई भी अध्यक्ष अपने कार्यकाल को पूरा नहीं कर पाया। 1997 में जिले के गठन से लेकर 2015 तक जितने भी जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए उन्हें समय से पहले ही अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। एक भी अध्यक्ष ऐसा नहीं रहा, जिसने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया हो।

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जिला गठन के बाद पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद की इस कुर्सी को देवटा निवासी प्रधानाचार्य वेदपाल भाटी ने सुशोभित किया, लेकिन चार महीने बाद ही लालबत्ती वाली इस सीट पर दोबारा चुनाव हुए और बोड़ाकी निवासी बिजेंद्र भाटी जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए। वर्ष 2000 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बाद रिठौड़ी निवासी नरेश भाटी जिला पंचायत अध्यक्ष बने, लेकिन आपराधिक मामलों की वजह से उन्हें जेल जाना पड़ा। इसके बाद वीरेंद्र सिंह डाढ़ा कार्यवाहक अध्यक्ष बने। नरेश भाटी के जेल से छूटकर आने के बाद दोबारा अध्यक्ष पद पर ताजपोशी कर दी गई, लेकिन तीन महीने बाद ही उनकी हत्या हो जाने के बाद वीरेंद्र डाढ़ा को फिर से अध्यक्ष का ताज मिला।

वर्ष 2005 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने के बाद लोक सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष बने, लेकिन 16 जून 2008 को जिला पंचायत सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ गए। इसके बाद त्रिस्तरीय समिति का गठन हुआ। इसमें जिला पंचायत सदस्य बाला देवी, सुषमा रविद्र भाटी व जितेंद्र यादव ने करीब चार महीने कार्यवाहक चेयरमैन के रूप में काम किया। बाद में बाला देवी पूर्ण अध्यक्ष बनीं। वर्ष 2010 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बाद बादलपुर निवासी जयवती नागर अध्यक्ष पद की कुर्सी पर विराजमान हुई, लेकिन वह भी कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी। साढ़े तीन साल के बाद उन्हें भी अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटा दिया गया। सपा समर्थित लड़पुरा निवासी रविद्र भाटी अध्यक्ष पद की कुर्सी पर विराजमान हुए। वर्ष 2015 में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं हुआ। जनवरी 2016 से जिला पंचायत की कमान जिलाधिकारी के हाथों में हैं। बॉक्स..

जिले में अध्यक्ष पद व उनका कार्यकाल जिला पंचायत अध्यक्ष कार्यकाल वेदपाल सिंह भाटी 26 अगस्त 1998 से 15 नवंबर 1998 बिजेंद्र सिंह भाटी 15 नवंबर 1998 से नौ अगस्त 2000 नरेश भाटी नौ अगस्त 2000 से तीन नवंबर 2003 वीरेंद्र सिंह डाढ़ा तीन नवंबर 2003 से 22 जनवरी 2004 कार्यवाहक नरेश भाटी 22 जनवरी 2004 से 28 मार्च 2004 वीरेंद्र सिंह डाढ़ा 29 मार्च 2004 से आठ अक्टूबर 2005 जिलाधिकारी संतोष कुमार यादव (प्रशासक) नौ अक्टूबर 2005 से 13 जनवरी 2006 लोक सिंह खटीक 14 जनवरी 2006 से 16 जून 2008 बाला देवी सात अक्टूबर 2008 से 13 जनवरी 2011 जयवती नागर 14 जनवरी 2011 से 18 जुलाई 2014 त्रिस्तरीय सदस्य समिति छह अगस्त 2014 से 28 अक्टूबर 2014 रविद्र भाटी 29 अक्टूबर 2014 से 13 जनवरी 2016 जिलाधिकारी एनपी सिंह (प्रशासक) 14 जनवरी 2016 से 27 अप्रैल 2017 जिलाधिकारी बीएन सिंह (प्रशासक) 27 अप्रैल 2017 से 29 मार्च 2020 जिलाधिकारी सुहास एलवाई (प्रशासक) 30 मार्च 2020 से अब तक


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