अलविदा 2020 : हवा को मिली सांस और पर्यावरण में भरा दम
कोरोना महामारी के कारण लोगों को कई परेशानियां हुई लेकिन पर्यावरण के लिहाज से यह वर्ष काफी बेहतर रहा है।
लोकेश चौहान, नोएडा :
कोरोना महामारी के कारण लोगों को कई परेशानियां हुई, लेकिन पर्यावरण के लिहाज से यह वर्ष काफी बेहतर रहा है। उद्योगों और वाहनों से निकलने वाले धुएं पर विराम लगा, तो इससे पर्यावरण को होने वाला नुकसान कम हो गया। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लागू लाकडाउन की अवधि में कूड़े में आग लगने की घटनाएं न होने और निर्माण साइट पर काम बंद होने से भी हवा ने खुलकर सांस ली। इससे पर्यावरण की स्थिति काफी बेहतर रही। प्रदूषण की धुंध में सिमटे-सहमे, धुंधला दिखने वाला आसमान और उसमें टिमटिमाते तारे भी साफ दिखे। अरसे बाद यहां नीला आसमान और यमुना का पानी भी काफी साफ दिखा।
हालत यह रहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) भी पिछले तीन वर्षों में सबसे बेहतर रहा। सात दिनों तक जिले के लोगों ने अच्छी हवा में सांस ली, तो 99 दिन एक्यूआइ का स्तर संतोषजनक रहा। बीते वर्षों में संतोषजनक स्तर सिर्फ 53 दिन तक रहा है, जबकि इस वर्ष हवा की गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 118 दिन तक एक्यूआइ सामान्य श्रेणी में रहा। अब तक सिर्फ 10 ही दिन ऐसे गुजरे हैं, जब लोगों को गंभीर श्रेणी के एक्यूआइ में सांस लेनी पड़ी।
लाकडाउन के बाद अनलाक में सभी सरकारी विभागों ने भी अपने पौधारोपण के निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया। जिलों में लाखों पौधे रोपे गए। इनमें फलदार और फूलदार पौधों के साथ औषधीय पौधे भी शामिल थे। पौधारोपण के मामले में सबसे आगे जिले में वन विभाग रहा। वन विभाग ने तीन लाख पौधे रोपे। इसके बाद नोएडा प्राधिकरण ने ढाई लाख और ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण ने अपने-अपने क्षेत्र में 50-50 हजार पौधे रोपे। बीते वर्ष की तुलना में करीब 12 हेक्टेयर अधिक भूमि पर पौधे रोपे गए। इसके अलावा नोएडा प्राधिकरण ने लोगों को बायोडायवर्सिटी पार्क के साथ शहीद भगत सिंह पार्क की सौगात दी। वहीं औषधि पार्क में 39 हजार और पौधे रोपे गए। इसके अलावा लोगों ने सहजन के पौधे भी अपने स्तर से सेक्टरों में रोपे। प्रदूषण ने निपटने के लिए जहां नोएडा प्राधिकरण ने कमर कसी, वहीं प्रदूषण विभाग ने भी खूब कार्रवाई की। सड़कों से उड़ने वाले धूल को रोकने के इंतजाम किए जाने के साथ निर्माणाधीन साइट पर भी धूल को नियंत्रित करने की व्यवस्था कराई गईं। तीन वर्षों में दिनवार ऐसी रही एक्यूआइ की स्थिति
श्रेणी 2018 2019 2020
अच्छी (0-50) 5 12 7
संतुष्ट (51-100) 44 53 99
सामान्य (101-200) 111 113 118
खराब (201-300) 99 98 59
बेहद खराब (301-400) 75 53 41
गंभीर (401-500) 23 34 10 जिले में पिछले पांच सालों में हुआ पौधारोपण
वर्ष क्षेत्रफल (हेक्टेयर में) पौधारोपण
2015-16 87.60 - 111606
2016-17 87.40 - 142050
2017-18 111.3 - 169001
2018-19 83.85 - 167651
2019-20 99.04 - 198004 इन प्रजातियों के रोपे गए पौधे
बरगद, पीपल, पाकड़, अकेसिया, अमरूद, अमलतास, अरू, अर्जुन, अरिकुली फर्मिस, अशोक, आम, इमली, आंवला, कचनार, कैजुरिना, कंजी, कटसागौन, कटहल, कदम्ब, कनक चंपा, कनेर, कुसुम, केसिआ श्यामिया, खैर, गुटेल, गूलर, गोल्ड मोहर, चकरेसिया, चांदनी, चिलबिल, जंगल जलेबी, जाकरंदा, जामुन, टिकोमा, ढाक, नींबू, नीम, प्रोसोपिस, पेल्टोफार्म, फलदार, फाइकस, बकैन, बबूल, बेर, बेल, बहेड़ा, बाटलब्रश, बालम खीरा, बॉस, बोगनबिलिआ, महुआ, मौलश्री, यूकेलिप्टिस, शहतूत, सेमल, समी, सहजन, सागौन, सिरस, सिल्वर ओक के अलावा अन्य औषधीय एवं शोभाकार प्रजाति व अन्य पर्यावरणीय प्रजाति
पौधारोपण की स्थिति
विभाग पौधारोपण लक्ष्य
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नोएडा 15000
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ग्रेटर नोएडा 25000
ग्राम्य विकास 40000
राजस्व विभाग 19600
पंचायती राज विभाग 19600
नगर पालिका 2500
नोएडा प्राधिकरण 250000
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण 50000
यमुना प्राधिकरण 50000
लोक निर्माण विभाग 11900
सिचाई विभाग 11900
कृषि विभाग 33010
पशुपालन विभाग 5400
सहकारिता विभाग 800
उद्योग विभाग 10000
विद्युत विभाग 5000
माध्यमिक शिक्षा विभाग 500
बेसिक शिक्षा विभाग 390
रेलवे 5000
रक्षा विभाग 7800
उद्यान विभाग 21706
वन विभाग 300000