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जिनोम सिक्वेंसिग, एमआइएस समेत पांच विषयों में जिम्स में होगा अध्ययन

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में अब जिनोम सिक्वेंसिग बच्चों में होने वाले एमआइएस-सी कोरोनाकाल का स्वास्थ्यकर्मियों पर मानसिक असर फेफड़ों के कैंसर व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पोस्ट कोविड सिड्रोम को लेकर अध्ययन होगा। इन विषयों के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने मंजूरी दे दी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 08:49 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 08:49 PM (IST)
जिनोम सिक्वेंसिग, एमआइएस समेत पांच विषयों में जिम्स में होगा अध्ययन
जिनोम सिक्वेंसिग, एमआइएस समेत पांच विषयों में जिम्स में होगा अध्ययन

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में अब जिनोम सिक्वेंसिग, बच्चों में होने वाले एमआइएस-सी, कोरोनाकाल का स्वास्थ्यकर्मियों पर मानसिक असर, फेफड़ों के कैंसर व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पोस्ट कोविड सिड्रोम को लेकर अध्ययन होगा। इन विषयों के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने मंजूरी दे दी है। इन पांचों विषयों पर अध्ययन के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों के नेतृत्व में टीम का गठन कर दिया गया है। जिम्स निदेशक ब्रिगेडियर डॉ.राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि वायरस पर शोध के अलावा कोरोना वायरस का बच्चों, बड़ों पर क्या और किस स्तर का असर हुए हैं, इसे लेकर अध्ययन के लिए आइसीएमआर को मंजूरी के लिए भेजा गया था। इसकी 23 जुलाई को मंजूरी मिल गई है। प्रदेश की चौथी लैब होगी : जिम्स में जिनोम सिक्वेंसिग के लिए प्रदेश सरकार से पहले ही मंजूरी मिल गई थी। इसके तहत दो करोड़ रुपये मिलने हैं। ये नेक्स्ट जनरेशन सिक्वेंसिग लैब है, जो प्रदेश की सबसे अत्याधुनिक लैब होगी। लैब में वायरस के स्ट्रेन में होने वाले बदलाव व वह किस फैमिली से आता है, उस पर शोध होगा। इसके प्रमुख पैथोलाजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.विवेक गुप्ता होंगे। मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री पर शोध : ब्रिगेडियर डॉ.राकेश गुप्ता के नेतृत्व में कोरोना का बच्चों के स्वास्थ्य पर असर व मल्टी इंफ्लामेट्री सिड्रोम पर अध्ययन होगा। एमआइएस शून्य से 19 वर्ष तक आयुवर्ग को होता है। ये उन बच्चों को होता है, जो कोरोना से संक्रमित हो जाते हैं, लेकिन इसकी जानकारी नहीं हो पाती। खुद ठीक होने के बाद करीब दो से तीन महीने बाद शरीर के विभिन्न अंग पर असर होने लगता है।

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कोरोना का मानसिक प्रभाव पर अध्ययन : फिजियोलॉजी विभाग की डॉ.भारती भंडारी राठौर के नेतृत्व में स्वास्थ्यकर्मियों पर कोरोना के मानसिक स्तर पर हुए प्रभाव के बारे में अध्ययन किया जाएगा। इसमें निकले निष्कर्ष के बाद आगे के शोध होंगे। फेफड़े संक्रमित होने के बाद कैंसर की संभावना : डॉ. विवेक गुप्ता के नेतृत्व में कोरोना से संक्रमित हुए फेफड़ों के स्वस्थ होने के बाद उनमें कैंसर की संभावना पर अध्ययन होगा।

पोस्ट कोविड सिड्रोम का कितना प्रभाव : कम्युनिटी मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ.रंभा पाठक के नेतृत्व में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोरोना से संक्रमित हुए लोगों में पोस्ट कोविड सिड्रोम का कितना प्रभाव है, उस पर अध्ययन होगा।


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