सीबीआइ की पाठशाला में होगा गौतमबुद्धनगर के पुलिसकर्मियों का दाखिला
प्रवीण विक्रम सिंह ग्रेटर नोएडा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) गौतमबुद्ध नगर के पुलिसकर्मियो
प्रवीण विक्रम सिंह, ग्रेटर नोएडा : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) गौतमबुद्ध नगर के पुलिसकर्मियों को आर्थिक अपराध संबंधित मामलों की जांच का प्रशिक्षण देगी। सीबीआइ की पाठशाला में गौतमबुद्ध नगर के पुलिसकर्मियों का दाखिला होने से जांच की गुणवत्ता में सुधार आएगा और विवेचनाओं को तय समय सीमा में निपटाया जा सकेगा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट का इस योजना के लिए सीबीआइ के साथ करार किया गया है। जल्द ही जिले में तैनात पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण मिलना शुरू हो जाएगा। सीबीआइ के इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी प्रशिक्षण देने गौतमबुद्ध नगर आएंगे।
दरअसल, नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कई बड़ी औद्योगिक इकाई के अलावा विदेशों का बड़ा आर्थिक निवेश है। ऐसे में पूर्व में कई ऐसे मुकदमे लिखे गए जो बड़ी कंपनियों के साथ हुए आर्थिक अपराध से संबंधित थे। इन मुकदमों की जांच करने वाले सब इंस्पेक्टर व इंस्पेक्टर को तकनीकी रूप से मजबूत करने के लिए उनको सीबीआइ के अधिकारी प्रशिक्षण देंगे। गौतमबुद्ध नगर में आयोजित होने वाली सीबीआइ की पाठशाला पूरे प्रदेश के लिए नजीर बनेगी। जिले में समय पूरा होने के बाद अन्य जनपद में ट्रांसफर पर जाने वाले पुलिसकर्मी सीबीआइ की पाठशाला में सीखे गए गुर को अन्य जनपद में तैनात पुलिसकर्मियों से साझा कर सकेंगे। इससे उत्तर प्रदेश पुलिस की विवेचना टीम को मजबूती मिलेगी और आर्थिक अपराध के बड़े मामलों की जांच निपटाने में तेजी आएगी। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट का यह प्रयास आने वाले समय में पुलिसकर्मियों को तकनीकी रूप से मजबूत बनाएगा।
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एनईओडब्ल्यू की गई समाप्त
वर्ष 2019 में आर्थिक अपराध मामलों की जांच के लिए बनाई गई नोएडा आर्थिक अपराध शाखा एनईओडब्ल्यू को समाप्त कर दिया गया है। मेरठ आर्थिक अपराध शाखा को जांच ट्रांसफर होने से पहले बाइक बोट घोटाले की जांच एनईओडब्ल्यू कर रही थी। बिल्डरों पर दर्ज धोखाधड़ी के मुकदमों की जांच भी इसी यूनिट द्वारा की जा रही थी। एलईओडब्ल्यू को समाप्त कर अपराध शाखा में समायोजित कर दिया गया है।
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गौतमबुद्ध नगर में पकड़ा जा चुका है दिल्ली एनसीआर का सबसे बड़ा घोटाला
बता दें कि देश के सवा दो लाख लोगों से अरबों की ठगी का मामला गौतमबुद्धनगर में पकड़ा गया था। बाइक बोट के नाम पर घोटाले को अंजाम दिया गया। निवेश रकम का एक साल में दोगुना वापस करने का झांसा देकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा सहित कई अन्य राज्यों के लोगों से ठगी की गई थी। वर्तमान में मामला गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय में विचाराधीन है।
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सीबीआइ के साथ करार किया गया है। जिले में तैनात पुलिसकर्मियों को आर्थिक अपराध संबंधित मामलों की जांच में गुणवत्ता लाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि कमिश्नरेट पुलिस को हर तरह से हाइटेक बनाया जाए।
आलोक सिंह, पुलिस आयुक्त, गौतमबुद्ध नगर