परिसर में करना होगा गीले कचरे का निस्तारण
जागरण संवाददाता नोएडा शहर को कचरे से आजादी दिलाने की दिशा में नोएडा प्राधिकरण ने ह
जागरण संवाददाता, नोएडा : शहर को कचरे से आजादी दिलाने की दिशा में नोएडा प्राधिकरण ने ही कदम बढ़ाया है, इसके लिए घर से निकलने वाले अपशिष्ट के निस्तारण को लेकर सख्ती शुरू कर दी है। जो संस्थाएं या सोसायटी 100 किलो प्रतिदिन की दर से या उससे अधिक अपशिष्ट उत्पादित करते हैं। सभी को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 का पालन करना होगा। नियम का अवहेलना करने पर जुर्माना लगाया जा रहा है।
इसके लिए प्राधिकरण ने एक पॉलिसी व गाइड लाइन बुधवार को जारी की है। इसे प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के तहत गीले कचरे का निस्तारण के लिए एक कंपनी चुनी गई है। इसके जरिये ही गीले कचरे का निस्तारण किया जाएगा। एक अगस्त से अपशिष्ट उठाने की सेवाएं बंद कर दी गई हैं। बल्क अपशिष्ट उत्पादनकर्ता को गीले और सूखे कचड़े को अलग-अलग डिब्बों में एकत्र करना होगा। इसके अलावा बायो मेडिकल वेस्ट को भी अलग डिब्बे डालना होगा। यह सब कुछ नोएडा प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रितु माहेश्वरी के निर्देश पर किया जा रहा है।
सीईओ के प्रयास से हाल ही में नोएडा को कचरा मुक्त शहर की श्रेणी में थ्री स्टार रैंकिंग मिली है। इसके तहत कचरा फेंकने की जगह को विलोपित कूड़ाघर में तब्दील किया गया है।
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बल्क वेस्ट जनरेटरों में इन्हें किया गया शामिल
प्राधिकरण ने ऐसे सभी केंद्रीय व राज्य सरकार के विभागों उनके उपक्रमों, स्थानीय निकायों, सार्वजनिक व प्राइवेट सेक्टर की कंपनी, अस्पतालों, स्कूलों, आरडब्ल्यूए, हाईराइज सोसायटी, बाजार, पूजा स्थल, स्टेडियम व अन्य खेल परिसरों को नोटिस जारी कर नियमों से अवगत कराया जा रहा है।
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इनका देना होगा ध्यान
- कंस्ट्रक्शन सामग्री का अलग से निपटान किया जाएगा
- किसी प्रकार का अपशिष्ट गली, खुले सार्वजनिक स्थानों, नालियों, जलाशयों में नहीं फेंकना होगा
- 5 हजार वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले गेट लगे समुदाय संस्थान को भी इन नियमों का पालन करना होगा