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फैक्ट्री में आग लगाकर 75 करोड़ का बीमा हड़पने की साजिश रचने वाले दो दबोचे

पुलिस को दिए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि उनको उम्मीद नहीं थी कि मामले में आरोपितों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। --- जांच के दौरान कई ऐसे साक्ष्य मिले जिससे पता चला कि साजिशन फैक्ट्री में आग लगाई गई थी। दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। विनीत जायसवाल एसपी देहात

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 08:16 PM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2019 08:16 PM (IST)
फैक्ट्री में आग लगाकर 75 करोड़ का बीमा हड़पने की साजिश रचने वाले दो दबोचे
फैक्ट्री में आग लगाकर 75 करोड़ का बीमा हड़पने की साजिश रचने वाले दो दबोचे

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा कोतवाली क्षेत्र के साइट पांच स्थित एसआरएस मेडिटेक फैक्ट्री में बीते साल संदिग्ध परिस्थिति में आग लग गई थी। आग में जलकर फैक्ट्री में काम करने वाले दो कर्मचारियों की मौत हो गई थी। फैक्ट्री संचालित करने वाले सैयद मुजाहिद अस्करी निवासी ओमेक्स रॉयल रेजीडेंसी नोएडा व सिंहराज निवासी डेल्टा एक ग्रेटर नोएडा के खिलाफ पुलिस ने जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस जांच में पता चला है कि आग लगाकर दोनों 75 करोड़ रुपये की बीमा रकम हड़पने की फिराक में थे। इसके लिए उनके द्वारा बीमा कंपनी को पत्र भी लिखा जा चुका है और कंपनी द्वारा मौका मुआयना कर लिया गया था। दोनों आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट भी जारी थे। मामले की जांच सूरजपुर कोतवाली प्रभारी मुनीष चौहान ने बताया कि पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि आरोपित पहले भी एक बार फैक्ट्री में आग लगाकर नौ करोड़ की बीमा रकम हासिल कर चुके थे।

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दिल्ली के रहने वाले एक व्यक्ति की साइट पांच में फैक्ट्री थी। उन्होंने फैक्ट्री संचालित की जिम्मेदारी सैयद मुजाहिद अस्करी व सिंहराज को दी हुई थी। बीते साल फैक्ट्री में जानबूझ कर आग लगाई गई। आग लगाने के दौरान दो कर्मचारियों की भी मौत हो गई। एक कर्मचारी का शव आज तक नहीं मिला। मामले की जांच तीन बार स्थानांतरित हुई। पहले ग्रेटर नोएडा कोतवाली प्रभारी ने मामले की जांच की। इसके बाद अपराध शाखा को जांच भेजी गई। उसके बाद भी जब सही तथ्य निकल कर सामने नहीं आए तो एसपी देहात विनीत जायसवाल ने सूरजपुर कोतवाली प्रभारी मुनीष चौहान को मामले की जांच सौंपी। जांच अधिकारी ने मामले में साक्ष्य एकत्र करने शुरू किए तो कई चौंकाने वाली बात प्रकाश में आई। पुलिस जांच में पता चला कि आग साजिशन लगाई गई थी। आग लगाने के लिए एक केमिकल का प्रयोग किया गया था। आग लगाने से पहले ही फैक्ट्री से महंगी मशीनें बाहर निकाल ली गई थी। जिससे कि उनका दोबारा प्रयोग किया जा सके। साजिशन फैक्ट्री में आग लगाकर यह दर्शाने का प्रयास किया गया तो आग से फैक्ट्री की सभी मशीनें जलकर खाक हो गई। लेकिन आरोपित अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हुए। छह महीने तक काटे चक्कर :

दिल्ली के रहने वाले जिस व्यक्ति की फैक्ट्री है वह छह महीने तक पुलिस के चक्कर काटता रहा। वह पुलिस से बार-बार कहते रहे कि साजिश रचकर आरोपितों ने फैक्ट्री में आग लगाई है। लेकिन दो बार जांच पूरी होने के बाद तक उनकी बात नहीं मानी गई। पीड़ित के मुताबिक उसने हर बार साक्ष्य भी पुलिस को दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि उनको उम्मीद नहीं थी कि मामले में आरोपितों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। जांच के दौरान कई ऐसे साक्ष्य मिले जिससे पता चला कि साजिशन फैक्ट्री में आग लगाई गई थी। दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

विनीत जायसवाल, एसपी देहात


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