धोखे से डेबिट-क्रेडिट कार्ड लेकर खरीदारी करने वाले चार बदमाश गिरफ्तार
संवाद सहयोगी दादरी कोतवाली बादलपुर क्षेत्र से पुलिस ने धोखे से डेबिट-क्रेडिट कार्ड व पासवर्ड प्राप्त कर खरीदारी करने वाले गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
संवाद सहयोगी, दादरी : कोतवाली बादलपुर क्षेत्र से पुलिस ने धोखे से डेबिट-क्रेडिट कार्ड व पासवर्ड प्राप्त कर खरीदारी करने वाले गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने खरीदे गए सामान को बरामद किया है।
पुलिस के अनुसार, तीन दिन पहले विनीत मिश्रा निवासी जेडीएस राय एन्कलेव बिस्नूली ने शिकायत दर्ज कराई थी कि एटीएम बूथ पर उसके कार्ड से पैसे निकालते समय फर्जीवाड़ा हुआ है। उसके खाते से खरीदारी हो रही है। रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने कार्ड के जरिये बदमाशों की तलाश शुरू कर दी। बदमाशों ने जिन माल में कार्ड से खरीदारी की वहां के सीसीटीवी के माध्यम से बदमाशों की पहचान की गई। बृहस्पतिवार को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि चार बदमाश स्विफ्ट डिजायर कार में सवार होकर सदुल्लापुर रेलवे फाटक की तरफ जा रहे हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर चारों बदमाशों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में एटीएम बूथ पर जाकर फर्जीवाड़ा कर क्रेडिट कार्ड प्राप्त कर माल से खरीदारी करने का अपराध कबूल कर लिया। बदमाशों की पहचान राकेश दिवाकर निवासी बुलंदशहर हाल पता शाहबेरी, ऋषभ पांडेय निवासी बलिया हाल पता चोटपुर कालोनी सेक्टर 63 नोएडा, पिटू यादव निवासी भदेहपुरा बिहार हाल पता चोटपुर कालोनी, मनीष निवासी सरायवीर आजमगढ़ हाल पता साई गार्डन शाहबेरी के रूप में हुई है। इनके पास से पुलिस ने तीन चाकू, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, कार्ड से खरीदे गए एलईडी, एक म्यूजिक सिस्टम, एक गैस का चूल्हा, तीन माइक्रोवेव ओवन, एक जोड़ी स्पोर्ट्स जूता, एक जोड़ी चमड़े के जूते, जींस, दो शर्ट, पांच मोबाइल, दो डेबिट कार्ड, 2100 रुपये नकद और घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट डिजायर कार बरामद की है। 12वीं पास मनीष गैंग का मास्टरमाइंड है। वह रिपेयरिग का काम करता है। उसी की स्विफ्ट डिजायर कार है। पिटू यादव 12वीं पास है। गैंग में कस्टमर केयर आपरेटर बनकर लोगों को बहकाता है। राकेश आठवीं पास है। बिल्डिग निर्माण में ठेकेदारी करता है। ऋषभ पांडेय बीए प्रथम वर्ष का छात्र है। सेक्टर 51 में स्थित रेस्टोरेंट पर काम करता है। मनीष सेक्टर बीटा-टू में एटीएम फर्जीवाड़े में जेल भी जा चुका है। वहीं पिटू विजयनगर गाजियाबाद से जेल जा चुका है।
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ऐसे वारदात को अंजाम देते थे
चारों बदमाश कार में सवार होकर एटीएम बूथ पर पहुंचकर खाली एटीएम को चिह्नित कर लेते थे। तीन बदमाश एटीएम के आसपास लग जाते थे और चौथा कार में बैठा रहता था। ग्राहक एटीएम से पैसे निकालने आता तो उससे पहले एक बदमाश एटीएम में दाखिल होकर कार्ड एंटर की जगह चिपकाने वाला पदार्थ डाल देता था और हेल्पलाइन नंबरों की प्रिट पर्ची एटीएम में डाल देता था। जैसे ग्राहक पैसे निकलने के लिए अपना कार्ड एटीएम मशीन में डालता उसका कार्ड चिपक जाता था। फिर दूसरा बदमाश पैसे निकालने के बहाने अंदर आता और एटीएम में मौजूद व्यक्ति की मदद करता। मदद न होने पर हेल्पलाइन पर्ची पर लिखे नंबरों पर फोन करने को कहता था। उस पर लिखे नंबर दूसरे बदमाशों के होते थे। कार में बैठा बदमाश फोन रिसीव करता था। बदमाश फोन पर व्यक्ति से मशीन पर एंटर फिर क्लीयर और एटीएम नंबर पिन डलवाता था। पास खड़ा बदमाश पिन नंबर देख लेता था। एटीएम से कार्ड न निकलने पर कार में बैठा बदमाश कहता था कि कार्ड ब्लाक कर दिया है। व्यक्ति जैसे ही चला जाता बदमाश कार्ड निकालकर फरार हो जाते। पूछताछ मे मास्टर माइंड मनीष ने बताया कि उसने यूट्यूब से यह सीखा है।
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तीस से अधिक वारदात को दे चुके अंजाम
पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि तीन महीने में तीस से अधिक वारदात को अंजाम देकर लगभग तीन लाख रुपये की हेराफेरी कर चुके हैं। गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, फरीदाबाद, लखनऊ आदि जगहों पर वारदात को अंजाम दे चुके हैं।