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निर्माण में भवन नियमावली की उड़ रही धज्जियां, सात स्लैब डाली गई

जागरण संवाददाता नोएडा शाहबेरी हादसे के बाद नोएडा प्राधिकरण हरकत में आया और लंबे

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 11:12 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 06:10 AM (IST)
निर्माण में भवन नियमावली की उड़ रही धज्जियां, सात स्लैब डाली गई
निर्माण में भवन नियमावली की उड़ रही धज्जियां, सात स्लैब डाली गई

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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शाहबेरी हादसे के बाद नोएडा प्राधिकरण हरकत में आया और लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ी गांव की भवन नियमावली को निकाल कर लागू किया। उसको देखकर लगा था कि अब नोएडा में अवैध निर्माण पर अंकुश लग जाएगा, लेकिन गांवों मे किस कदर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसकी कल्पना ही नहीं की जा सकती है।

ताजा उदाहरण लॉकडाउन में सामने आया है, बाबा बालकनाथ कट के सामने फरवरी में सर्फाबाद गांव की जमीन पर निर्माण शुरू हुआ। अनलॉक 3 तक इस तेजी से निर्माण हुआ कि सात स्लैब बिल्डिग में डाले जा चुके हैैं और आठवीं स्लैब की तैयारी भवन मालिक कर रहा है। जबकि नियम 15 मीटर (तीन मंजिल) अधिकतम की इजाजत देता है। यदि हादसा हो जाए तो जिम्मेदारी कौन लेगा, अभी भी कोई तय नहीं कर सका है।

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यह है नियम :

गांव में बनने वाले मकानों की ऊंचाई 15 मीटर (तीन मंजिल) अधिकतम होगी। इसके ऊपर बनने वाले निर्माण को अवैध माना जाएगा। गांव में मकान बनाने से पहले प्राधिकरण में इसका नक्शा पास कराना होगा। बिना नक्शा पास कराए गांव में कोई भी भवन निर्माण नहीं किया जा सकेगा। नोएडा प्राधिकरण की साइट पर इस नियमावली को अपलोड कर दिया गया है। साथ ही प्राधिकरण ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया था कि वह ग्रामीणों व किसानों को इसके लिए जागरूक करें।

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जिला पंचायत की शह पर फैला था नोएडा में अवैध बिल्डरों का जाल :

बता दें कि वर्ष 2014 में जब गांव की जमीन पर तेजी से मल्टी स्टोरी का निर्माण चल रहा था। नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी वीके पवार ने इस पर रोक लगाने का प्रयास किया। इस दौरान संज्ञान में आया कि भू माफिया जिला पंचायत से नक्शा पास करा धड़ल्ले से नोएडा में आबादी की जमीन पर निर्माण करने में जुटे हैं। इस पर नोएडा प्राधिकरण ने लिखित तौर पर शासन से कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद शासनादेश जारी हुआ। इसमें कहा गया कि प्राधिकरण क्षेत्र में अधिग्रहीत व कब्जा प्राप्त जगह पर जिला पंचायत कोई भी नक्शा पास नहीं कर सकती है। इस पर कई राजनीतिक दलों ने विरोध भी जताया, लेकिन प्राधिकरण के काफी प्रयास के बाद वर्ष 2016 में गांव की जमीन पर भवन नियमावली तैयार कर ली गई, लेकिन किसान, भू माफिया, सत्ता गठजोड़ के कारण इसको अभी तक लागू नहीं किया जा सका था। इस कारण नोएडा के 81 गांव में तेजी से अवैध निर्माण की भरमार हो गई।

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विज्ञापन में देनी होगी सभी दस्तावेजों की जानकारी :

नोएडा प्राधिकरण ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि सभी वैध एवं अधिकृत बिल्डर्स, डेवलपर, कोलोनाइजर्स, संस्थाओं एवं सोसायटी अभी भू संपत्ति से संबंधित योजना व परियोजना विज्ञापनों के फुटनोट में प्राधिकरण से उनके पक्ष में जारी आवंटन पत्र की संख्या व दिनांक, भवन मानचित्र की स्वीकृति संबंधित आदेश संख्या व दिनांक के साथ ही योजना व परियोजना की भू स्थिति संबंधित मिनिएचर लोकेशन प्लान, जिसमें सेक्टर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो। नोएडा के गांव की भवन नियमावली को लागू कर दिया गया है। इसकी जानकारी साइट पर उपलब्ध करा दी गई है। जल्द ही विज्ञापन के जरिए इसकी जानकारी ग्रामीण व किसानों तक भी पहुंचा दी जाएगी।

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जिस प्रकार से भवन का निर्माण किया जा रहा है, उसकी जांच की जाएगी। नियम विरूद्ध निर्माण पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।

मुकेश कुमार वैश्य, वरिष्ठ प्रबंधक, नोएडा प्राधिकरण


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