बाल सुधार गृह के निरीक्षण में मिलीं कई खामियां
जागरण संवाददाता नोएडा फेस-2 स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर) यानी बाल सुधार गृह का बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गौतमबुद्धनगर के सचिव सुशील कुमार सिविल जज रितिका महाजन महिमा जैन व हर्षिका रस्तोगी ने निरीक्षण किया।
जागरण संवाददाता, नोएडा : फेस-2 स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर) यानी बाल सुधार गृह का बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गौतमबुद्धनगर के सचिव सुशील कुमार, सिविल जज रितिका महाजन, महिमा जैन व हर्षिका रस्तोगी ने निरीक्षण किया। निरीक्षण में टीम को संप्रेक्षण गृह में क्षमता से अधिक नाबालिग रहते मिले। जिन कमरों में नाबालिग रहते मिले, वहां सूरज की रोशनी तक पहुंच नहीं रही थी। नाबालिगों के लिए खेलने का मैदान तक नहीं है। इसके अलावा भी कई अन्य खामियां मिलीं। टीम ने डीपीओ व गृह अधीक्षक को सभी खामियों को दूर करने की हिदायत दी है।
जिले में एकमात्र संप्रेक्षण गृह में 100 नाबालिग के रहने की क्षमता है, लेकिन उसमें 195 नाबालिग रह रहे हैं। भविष्य में इनके और बढ़ने की संभावना है। इसके लिए नए भवन की जरूरत है, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसके लिए बीते वर्षों में कोई प्रयास नहीं किया। बुधवार की सुबह 12 बजे पहुंची टीम करीब चार घंटे तक संप्रेक्षण गृह में रही और नाबालिगों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। टीम ने नाबालिग को उनके विधिक अधिकारों की जानकारी दी। उनकी दिनचर्या जानने के साथ उनकी समस्याओं को सुना। संप्रेक्षण गृह अधीक्षक को आदेशित किया गया कि नाबालिगों से किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न किया जाए। टीम जिला प्रोबेशन अधिकारी व बाल कल्याण समिति कार्यालय भी पहुंची।
किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अनीत बघेल ने बताया कि टीम ने संप्रेक्षण गृह के लिए नए भवन की जरूरत के साथ नाबालिगों के खेलने के लिए मैदान की जरूरत बताई है। इसके अलावा जहां नाबालिग रहते हैं, वहां सूरज की रोशनी पहुंचे, इसके जरूरी प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। इस मौके पर प्रोबेशन अधिकारी अतुल कुमार सोनी भी मौजूद थे।