साहब, पांच दिन से खाना नहीं खाया, मुझे मेरा दक्ष लौटा दो
साहब पांच दिन से खाना नहीं खाया है। मुझे मेरा दक्ष लौटा दो चाहे मेरी जान ले लो। यह बात कहकर साढ़े तीन वर्षीय दक्ष की मां संगीता पुलिस अधिकारियों के सामने रोने लगीं।
राजीव वशिष्ठ, दादरी
साहब, पांच दिन से खाना नहीं खाया है। मुझे मेरा दक्ष लौटा दो, चाहे मेरी जान ले लो। यह बात कहकर साढ़े तीन वर्षीय दक्ष की मां संगीता पुलिस अधिकारियों के सामने रोने लगीं। बच्चे की हत्या के बाद से मां का रो-रो कर बुरा हाल है। पानी पीकर मां अपना दिन गुजार रही है। संगीता के दो बच्चे थे। एक दक्ष, दूसरी बेटी है। संगीता की बेटी भी पूछ रही है कि भाई घर कब आएगा? दक्ष की मौत से पूरी वेद विहार कालोनी में मातम का माहौल है।
दक्ष का घर के सामने से अपहरण होने के बाद स्वजन ने पुलिस को कई संदिग्धों के नाम बताए। आरोप है कि पुलिस ने मामले में समय रहते कार्रवाई नहीं की। घटनास्थल के आस-पास के सीसीटीवी खंगालने की बात कहकर पुलिस मामले में पल्ला झाड़ती रही। वहीं अपराधी अपने मंसूबों में कामयाब हो गए और अपहरण के बाद बच्चे की हत्या कर डाली।
पुलिस ने पांच दिन तक दक्ष के पिता मुनेंद्र का फोन सर्विलांस पर रखा, लेकिन अपहरणकर्ताओं ने कोई फोन नहीं किया। पुलिस की सारी योजनाओं पर आरोपित भारी पड़े। दक्ष के पिता ने भी किसी से दुश्मनी की बात नकारी है। ऐसे में पुलिस अंधेरे में तीर चला रही है कि किसने घटना को अंजाम दिया है? पूर्व किराएदार महिला को लेकर पुलिस पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है। वहीं पुलिस का दावा है कि बच्चे के अपहरण और हत्या में किसी करीबी का हाथ है। 31 मार्च की रात में ही कर दी थी हत्या
नहर में मिला बच्चे का शव फूला हुआ था। शव के अंदर पानी भर गया था। शव देखकर आशंका जताई गई है कि हत्या अपहरण वाले दिन बुधवार रात ही कर दी गई थी। डाक्टरों के मुताबिक शव तीन से चार दिन पुराना है। जारचा में नहर में फेंका शव
बुलंदशहर में बरामद हुए बच्चे के शव को जारचा में नहर में फेंका गया। शव तीन दिन तक बहने के बाद बुलंदशहर पहुंचा। शव पर चोट का कोई खास निशान नहीं मिलने की वजह से गला दबाकर हत्या की आशंका प्रबल है। बुलंदशहर पुलिस ने दी सूचना
दादरी पुलिस की लापरवाही की हद यहां तक रही कि उनको बुलंदशहर पुलिस के माध्यम से पता चला कि बच्चे का शव नहर में मिला है। तब मामले की सूचना दक्ष के पिता मुनेंद्र को दी गई। रविवार सुबह आठ बजे तक मुनेंद्र को सूचना मिली तो फोटो देखकर पहले उन्होंने शव को पहचानने से इन्कार कर दिया। दादरी पुलिस उनको लेकर बुलंदशहर पहुंची। बेटे का शव सामने देखकर वह खुद के आंसू नहीं रोक सके। भारी पुलिस बल तैनात, रूट किया गया डायवर्ट
रविवार दोपहर पुलिस को सूचना मिली कि ग्रामीण कोतवाली के सामने जाम लगा सकते है। सूचना के आधार पर थाने के सामने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। कोतवाली का गेट बंद कर दिया गया। दादरी के मुख्य यातायात को बाइपास की तरफ डायवर्ट कर दिया गया। वहीं रेलवे रोड पर जाने वाले वाहनों को दादरी बस स्टैंड के सामने रोक दिया गया। व्यापारियों में आक्रोश, बंद की दुकानें
दक्ष की हत्या के बाद ग्रामीणों के अलावा व्यापारियों में भी आक्रोश देखने को मिला। दोपहर तीन बजे जब रेलवे रोड पर जाम लगाया गया तो सभी व्यापारियों ने दुकानें बंद कर दीं और जाम लगाने वाली भीड़ में शामिल हो गए। मांग की गई कि लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। पूर्व किराएदार पर और भी हैं आरोप
आरोप है कि मुनेंद्र के घर किराए पर पूर्व में रही महिला दो और बच्चों का भी अपहरण कर चुकी है, लेकिन उसको मौके से पकड़ लिया गया था। महिला बहाना बनाकर हर बार बच जाती थी। इंटरनेट मीडिया की वजह से गई जान
वेद विहार कालोनी में चर्चा है कि बच्चे का अपहरण होने की सूचना इंटरनेट मीडिया पर अत्यधिक वायरल कर दी गई। ऐसा भी हो सकता है कि बदमाशों तक यह संदेश पहुंच गया हो। उनको लगा हो कि वह पकड़े जाएंगे, इस वजह से आरोपितों ने बच्चों की जान ले ली। साढ़े तीन वर्ष पूर्व दादरी में व्यापारी के बेटे का अपहरण हुआ था तो पुलिस गुपचुप तरीके से बच्चे को बरामद कर लाई थी। कब क्या हुआ (टाइमलाइन)
31 मार्च सुबह 08 बजे : दक्ष के पिता मुनेंद्र आफिस के लिए घर से निकले
31 मार्च सुबह 10:30 बजे : दक्ष की मां संगीता घर से अस्पताल जाने के लिए निकलीं
31 मार्च सुबह 11 बजे : दक्ष का घर के सामने से आइसक्रीम खाते समय अपहरण
01 अप्रैल की रात 09 बजे : दादरी विधायक तेजपाल नागर व डीसीपी ग्रेटर नोएडा राजेश सिंह दक्ष के घर पहुंचे
02 अप्रैल : दिनभर चौकी के चक्कर काटते रहे पीड़ित
03 अप्रैल सुबह 11 बजे : भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता बच्चे को बरामद करने की मांग को लेकर कोतवाली पहुंचे
04 अप्रैल सुबह आठ बजे : बच्चे का शव बुलंदशहर में नहर में मिला