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दिल्ली जाने पर अड़े किसान, नोएडा दिल्ली बार्डर हुआ सील

जागरण संवाददाता नोएडा कृषि बिल के विरोध में मंगलवार दोपहर बाद करीब साढ़े चार बजे भ

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 10:25 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 10:25 PM (IST)
दिल्ली जाने पर अड़े किसान, नोएडा दिल्ली बार्डर हुआ सील
दिल्ली जाने पर अड़े किसान, नोएडा दिल्ली बार्डर हुआ सील

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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कृषि बिल के विरोध में मंगलवार दोपहर बाद करीब साढ़े चार बजे भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के समर्थन में भारी संख्या में दिल्ली जाने के लिए किसान नोएडा के चिल्ला बार्डर पहुंच गए। किसानों ने सेक्टर-14 ए स्थित नोएडा प्रवेश द्वार पर सड़क के बीच ही अपने ट्रैक्टर ट्राली खड़े करके बार्डर को पूरी तरह से बंद कर दिया। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने भी बैरीकेडिग कर बार्डर को सील कर दिया गया। किसान दिल्ली जाने की मांग पर अड़े रहे और पुलिस उन्हें समझाने का प्रयास करती रही। इसके चलते साढ़े बजे से लेकर देर रात खबर लिखे जाने तक चिल्ला बार्डर पूरी तरह से सील रहा। इस कारण भीषण जाम लगा और पुलिस को कई मार्गों पर डायवर्जन करना पड़ा। किसानों ने बार्डर पर डेरा डालकर वहीं खाना बनाकर अपनी मंशा साफ कर दी कि वह पीछे हटने को तैयार नहीं है।

किसानों का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानू प्रताप सिंह ने कहा कि देश का किसान 72 वर्ष से गुलाम बना हुआ है। अब उसे आजादी चाहिए। देश के प्रधानमंत्री से यदि किसान हितैषी हैं तो किसान आयोग का गठन करें। इसमें किसी राजनेता को जगह न दी जाएं। उन्होंने कहा कि मैनपुरी, एटा, लखनऊ मथुरा, आगरा, इटावा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, गौतमबुद्ध नगर के किसान अपना हक लेने के लिए दिल्ली जा रहे थे, जिन्हें रोका गया है। अभी तो थोड़े किसान ही यहां पर आए है, धीरे-धीरे तादाद बढ़ेगी। दिल्ली पुलिस ने जबरन बार्डर को सील कर किसानों को रोक दिया है। यह कदम लोकतंत्र के हित में नहीं है। किसान तब तक बार्डर पर ही बैठेंगे, जब तक स्वयं प्रधानमंत्री आकर किसानों से बातचीत नहीं करते है।

संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता सतीश चौधरी ने कहा कि सरकार ने अध्यादेश लाकर आनन-फानन में किसानों का कानून पास कर दिया है। इसमें किसानों को कहीं भी अपना माल बेचने का अधिकार तो दिया, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित नहीं है। यह किसानों को बर्बाद करने का कानून बनाया गया है। सुनियोजित साजिश के तहत किसानों को बुराडी बुलाया गया, मना किए जाने पर उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। यदि सरकार की मंशा साफ है तो वह दिल्ली से निकल यूपी गेट, नोएडा प्रवेश द्वार, सिधु बार्डर पर आकर खुले मंच पर आकर बातचीत करे। संगठन के प्रदेश महासचिव पवन ने बताया कि जब तक काला कानून वापस नहीं लिया जाता। तब तक नोएडा प्रवेश द्वार से धरना नहीं हटेगा। किसान ट्रैक्टर ट्राली में एक माह का राशन लेकर आएं हैं। सड़क पर चूल्हा जलेगा और ट्राली में सोएंगे। किसानों ने साफ-साफ कहा कि उन्हें लाठी डंडे से डर नहीं लगता, जो डरता है, वह अपने घर जाकर बैठे।

बताते चलें कि किसान दोपहर बाद करीब एक बजे जेवर टोल प्लाजा से निकले थे। किसानों के पास पानी नहीं था और उन्हें चिल्ला बार्डर पर देर रात तक पानी नहीं मिल सका।

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जाम में फंसी कई एंबुलेंस

नोएडा-दिल्ली चिल्ला मार्ग बंद होने की वजह से लगे जाम में कई एंबुलेंस भी फंस गई। यातायात पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए एंबुलेंस को जाम से निकलवाने के लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था की। एंबुलेंस के आगे के वाहनों को हटवाने के साथ वाहनों की संख्या कम करने के लिए अस्थायी रूप से डायवर्जन का सहारा भी लिया।


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