निजी अस्पताल में अब प्राधिकरण के 1400 कर्मचारी का इजाल कैश लेस हो सकेगा
नोएडा प्राधिकरण चेयरमैन को निजी अस्पताल में कैश लेस सिस्टम से इलाज की अनुमति प्रदान कर दी है। इससे कर्मचारियों की निजी अस्पतालों में इलाज पर व्यय की प्रतिपूर्ति पूर्व की भांति बहाल हो गई है। बता दें कि पिछले दिनों राज्य सरकार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने यह फैसला दिया है। इससे नोएडा प्राधिकरण के करीब 1400 अधिकारी व कर्मचारी को सीधा फायदा होगा। इस मामले पर बुधवार को नोएडा एम्प्लाइज एसोसिएशन (एनइए) के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष राजकुमार चौधरी के साथ प्राधिकरण चेयरमैन आलोक टंडन से मुलाकात कर उनका आभार प्रकट किया। इस मौके पर महासचिव धर्मेद्र शर्मा, महेश चंद्र, वीरपाल, प्रमोद कुमार यादव, थान ¨सह आरके भासने, ईश्वर भरत नगर, विजेंद्र शर्मा, ओम कसाना, विवेक कुमार, राजकुमार भाटी, विश्वास गौतम, जितेंद्र कुमार, मुमताज अहमद, सुभाष कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।
जागरण संवाददाता, नोएडा :
नोएडा प्राधिकरण कर्मचारी अब निजी अस्पतालों में कैश लेस सुविधा का लाभ ले सकेंगे। बता दें कि पिछले दिनों राज्य सरकार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने यह फैसला दिया है। इससे नोएडा प्राधिकरण के करीब 1400 अधिकारी व कर्मचारी को सीधा फायदा होगा। इस मामले पर बुधवार को नोएडा एम्प्लाइज एसोसिएशन (एनइए) के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष राजकुमार चौधरी के साथ प्राधिकरण चेयरमैन आलोक टंडन से मुलाकात कर उनका आभार प्रकट किया।
एनइए अध्यक्ष राजकुमार चौधरी ने बताया कि एक जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने 9 मार्च 2018 को आदेश जारी किया। इसके तहत एक बड़ी संख्या में कर्मचारियों की निजी अस्पतालों में चिकित्सा प्रतिपूर्ति पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद राज्य सरकार की ओर से इस मामले में पैरवी की जा रही थी। 11 जनवरी 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने इस आदेश को खारिज करते हुए दोबारा से प्रतिपूर्ति को लागू कर दिया। नोएडा एम्पलाइज एसोसिएशन (एनइए) के चुनावों में इस मुद्दे को एजेंडे में शामिल किया था। घोषणा की गई थी कि चुनाव जीतने के बाद प्राथमिकता के तौर पर मेडिकल सुविधा को दोबारा से लागू करवा दिया जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद नोएडा प्राधिकरण चेयरमैन आलोक टंडन से मुलाकात की थी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा बहाल करने का आग्रह किया था। जिसको मान चेयरमैन ने पूर्व की भांति स्थिति को बहाल कर दिया है। अब कैश लेस इलाज निजी अस्पताल में कर्मचारी करा सकेंगे।