बेलगाम ई-रिक्शा : 2317 पंजीकृत, सात हजार का संचालन, चौपट यातायात
हर तरह के प्रदूषण से मुक्त ई-रिक्शों को शहर की अच्छी यातायात व्यवस्था के साथ पर्यावरण के लिए लाभदायक समझा जा रहा था। लेकिन समय के साथ ये अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। ऑटो व टेंपों की तरह ई-रिक्शा भी बेतरतीब दौड़ते नजर आ रहे हैं। सड़कों पर जहां-तहां ई-रिक्शा जमावड़ा लगाकर जाम लगा देते हैं। सवारी के लिए कहीं भी रोक देने से प्रतिद्वंद्विता के कारण दुर्घटना की वजह बनते हैं। शहर में अक्टूबर तक 2317 पंजीकृत ई-रिक्शा हैं। लेकिन अनुमान के मुताबिक शहर में फिलहाल 5 से 7 हजार ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। बेलगाम इन अवैध ई-रिक्शों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही इसका जवाब सिर्फ परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस और प्राधिकरण के पास ही है। नियम के मुताबिक शहर में किसी भी वाहन के पंजीकरण के समय उसके खड़े करने के इंतजाम का एफिडेविट जमा करना पड़ता है। लेकिन यहां कई वाहन ऐसे हैं जो सड़कों पर खड़े देखे जा सकते हैं।
अर्पित त्रिपाठी, नोएडा : प्रदूषण से मुक्त ई-रिक्शों को शहर की अच्छी यातायात व्यवस्था के साथ पर्यावरण के लिए लाभदायक समझा जा रहा था। लेकिन समय के साथ ये अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। ऑटो व टेंपों की तरह ई-रिक्शा भी बेतरतीब दौड़ रहे हैं। सड़कों पर जहां-तहां ई-रिक्शा जाम लगा देते हैं।
शहर में अक्टूबर तक 2317 पंजीकृत ई-रिक्शा हैं। अनुमान के मुताबिक शहर में फिलहाल 5 से 7 हजार ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। इन अवैध ई-रिक्शों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही इसका जवाब सिर्फ परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस और प्राधिकरण के पास ही है। नियम के मुताबिक शहर में किसी भी वाहन के पंजीकरण के समय उसके खड़े करने के इंतजाम का एफिडेविट जमा करना पड़ता है। लेकिन यहां कई वाहन ऐसे हैं जो सड़कों पर खड़े देखे जा सकते हैं।
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हर चौैराहों व सड़कों पर बेतरतीब ई-रिक्शा
शहर के हर चौराहे, मेट्रो स्टेशनों के बाहर और सड़क पर खड़े ई-रिक्शा लोगों के लिए सहूलियत कम मुसीबत ज्यादा बनते जा रहे हैं। सिटी सेंटर, बॉटेनिक गार्डेन, सेक्टर-16 मेट्रो, सेक्टर 15 मेट्रो स्टेशन, सेक्टर 18, विनायक अस्पताल, उद्योग मार्ग, ममूरा आदि समेत हर सड़क और चौराहों पर इनकी भीड़ दिखाई देती है। सवारियां बैठाने की होड़ में आड़े-तिरछे ई-रिक्शा जाम का कारण बनते हैं।
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2317 ई-रिक्शा पंजीकृत दौड़ रहे 5 हजार से अधिक
पिछले वर्ष केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से दिए गए ई-रिक्शा के बाद शहर में 500 के करीब ई-रिक्शा को परमिट दिया गया था। पिछले वर्ष ही परमिट की बाध्यता खत्म कर दी गई थी, लेकिन संभागीय परिवहन विभाग में पंजीकरण जरूरी कर दिया गया था। अक्टूबर 2018 के परिवहन विभाग के आंकड़े के मुताबिक जिले में 2317 वाहन पंजीकृत हैं। लेकिन सिर्फ शहर में आज 10 हजार के करीब ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। जबकि शहर में जिला प्रशासन द्वारा सिर्फ 1500 ई-रिक्शा चलाने की इजाजत दी गई थी।
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परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस पर कार्रवाई की जिम्मेदारी
पिछले वर्ष ई-रिक्शा की बाध्यता खत्म हो गई थी। इसके बाद कार्रवाई किस आधार पर हो इसको लेकर चर्चा हुई। परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों ने निर्देश दिए कि प्राधिकरण, जिला प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए ई-रिक्शा को मार्गों पर प्रतिबंधित कर सकते हैं। साथ ही कहा कि पंजीकरण नंबरों को ई-रिक्शा के आगे व पीछे लिखना होगा। इसके अलावा ई-रिक्शा चालकों को लाइसेंस भी लेना होगा। इसके बिना यह सड़कों पर नहीं उतर सकते।
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कार्रवाई पर चालक कर चुके हंगामा
इसी वर्ष 2018 में परिवहन विभाग ने ई-रिक्शा पर अभियान चलाया था। लेकिन इस कार्रवाई के दौरान चालकों ने हंगामा कर दिया था। ऐसे में पुलिस को भी कार्रवाई करनी पड़ी थी, जिसमें कई चालकों को हिरासत में भी लिया गया था।
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बिजली चोरी से होती है चार्जिंग
ई-रिक्शा बैटरी से चलते हैं। इन्हें चार्ज करने के लिए कमर्शियल कनेक्शन होना चाहिए। गांवों में ये घरेलू कनेक्शन पर चार्ज करते हैं। इस पर बिजली निगम भी कार्रवाई कर चुकी है। ऐसे में ई-रिक्शा की संख्या बढ़ने पर बिजली चोरी की भी कार्रवाई बढ़ सकती है।
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शहर में अधिक ई-रिक्शा चल रहे हैं इसकी शिकायत मिल रही है। पिछले माह ही 40 रिक्शों के डंप करने की कार्रवाई की गई है। अवैध ई-रिक्शों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है, जिसके लिए तीन टीम भी लगी हैं।
- एके पांडे, एआरटीओ, प्रशासन
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अवैध ई-रिक्शों पर नियमित कार्रवाई की जा रही है। करीब 250 रिक्शों को जब्त किया जा चुका है। पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए हर स्तर पर नियमों के पालन की जरूरत है। जिले में ट्रैफिक कर्मियों की कमी के बाद भी व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए कार्रवाई जारी है।
अनिल झा, एसपी ट्रैफिक
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चौराहों और मेट्रो स्टेशन पर ई-रिक्शों की भीड़ लगी रहती है। इस कारण हमेशा जाम की स्थिति बन जाती है। मेट्रो स्टेशन अधिकतर गोल चक्कर व चौराहों पर हैं। इस कारण कई बार इन जगहों पर जाम लग जाता है।
- डॉ. पारुल अदलक्खा
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ई-रिक्शा शहर के निवासियों के लिए कनेक्टिविटी का अच्छा विकल्प है। लेकिन इनके द्वारा फैलाई गई अव्यवस्था पर लगाम लगाने की जरूरत है। चौराहों और बाजारों पर ये जाम की वजह बन जाते हैं। इस पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है।
मयंक, निजी कंपनी में अधिकारी