दुर्गा महोत्सव : माता के जयकारों से गूंजे पंडाल
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा शहर में करीब आधा दर्जन सेक्टर व सोसायटियों में बृहस्पतिवा
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : शहर में करीब आधा दर्जन सेक्टर व सोसायटियों में बृहस्पतिवार से दुर्गा महोत्सव की शुरुआत हो गई है। कोरोना के चलते इस बार बंगाली समाज के लोग भी दुर्गा महोत्सव में केवल विधि विधान से पूजा अर्चना कर रहे हैं। कोविड-19 को देखते हुए इस बार किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा रहे हैं।
गौर सिटी के दादा-दादी पार्क में आयोजित दुर्गा महोत्सव में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने दुर्गा पूजा की। गाइडलाइन के अनुसार महोत्सव में केवल सौ लोग ही शामिल हो सके। इसके साथ ही सेक्टर पाई स्थित कालीबाड़ी मंदिर में भी क्रमवार मंदिर पहुंचकर बंगाली समाज के लोगों ने अष्टमी पूजन किया। बता दें कि दुर्गा पूजा को लेकर बंगाली समाज में खासा उत्साह देखा जाता है। पांच दिवसीय महोत्सव में दूसरे दिन विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा की गई। मां दुर्गा के भजनों से वातावरण भक्तिमय हो गया। शाम के समय मां दुर्गा की आरती उतारने के पश्चात प्रसाद का वितरण किया गया। गौर सिटी बंगाली कल्चरल एसोसिएशन बैनर तले आयोजित दुर्गा महोत्सव में प्रशासन की मंशा अनुरूप खाका तैयार किया गया है। एसोसिएशन के मुताबिक 26 अक्टूबर तक विधि विधान से केवल पूजा अर्चना की जाएगी। इसके साथ ही ग्रेनो वेस्ट की करीब आधा दर्जन से अधिक सोसायटियों में देवी भक्त मां की आराधना कर रहे हैं। आयोजकों का कहना है कि पूजा महोत्सव में सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है। भक्तों को पंडाल में थर्मल स्क्रीनिंग और हाथ सैनीटाइज करने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। गौर सिटी बंगाली कल्चरल एसोसिएशन के महासचिव सजल तिवारी ने बताया कि इस साल सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा रहे हैं। छह फीट की दूरी पर गोल घेरे बनाए गए हैं। टोकन व्यवस्था लागू की गई है। कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम स्थल के भीतर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं।
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मंदिरों में भी विधि विधान से हुई पूजा
शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर शुक्रवार को शहर के देवी मंदिरों में विधि विधान से पूजा हुई। अष्टमी के दिन सुबह से ही देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। ज्यादातर मंदिरों में माता के दर्शन के लिए सुबह पांच बजे ही कपाट खोल दिए गए। श्रद्धालुओं ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पूजन कर मन्नत मांगी। मान्यता है कि अष्टमी पर देवी मां की पूजा करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मंदिरों के साथ देवी भक्तों ने घरों में यज्ञ व हवन कराए। घरों में कन्याओं को भोजन कराया।