शिक्षा का बाजारीकरण देश हित में नहीं : ओमप्रकाश शर्मा
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। अधिकतर विद्या
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। अधिकतर विद्यालय ऐसे हैं, जहां मात्र एक ही अध्यापक है। करीब 18 हजार वित्तविहीन विद्यालयों में शिक्षकों का शोषण हो रहा है। आज शिक्षा का बाजारीकरण हो रहा है जो देशहित में नहीं है। यह बात उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य ओमप्रकाश शर्मा ने कही। वह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में शुक्रवार को दनकौर के बिहारीलाल इंटर कालेज की 19 वीं शैक्षिक विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का भी समान कार्य, समान वेतन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में समान काम के लिए समान वेतन का नियम लागू है। सुप्रीम कोर्ट ने भी 26 अक्टूबर 2016 को इस आशय का आदेश दिया है, इसलिए सरकार को इस कानून को मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। हर शिक्षक को पुरानी पेंशन बहाल की जाए, महिला विद्यालय में महिला प्रबंधक हो, इसके लिए शिक्षकों को एकजुट होना आवश्यक है। विधान परिषद सदस्य हेम ¨सह पुंडीर ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में प्रयोगशाला सहायक, सुरक्षा एवं सफाईकर्मियों की नियुक्ति तत्काल होनी चाहिए। शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए। इस मौके पर एमएलसी जगवीर किशोर जैन, सुरेश कुमार त्रिपाठी, ध्रुव कुमार त्रिपाठी, सुभाष चंद्र शर्मा, डा. प्रमोद कुमार मिश्र, डा. रमेश चंद्र गुप्ता, दनकौर नगर पंचायत के अध्यक्ष अजय भाटी, विनोद कुमार गोयल, महेश चंद शर्मा, परमानंद शर्मा, धनीराम नागर, मदन गोपाल, कमल ¨सह, कृष्ण कुमार कटियार, यशवीर मलिक, वीरेंद्र कुमार, अजय शर्मा, रमेश कुमार आदि मौजूद रहे।