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शाहबेरी में अवैध निर्माण रोकने की मांग

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा शाहबेरी गांव में पुलिस प्रशासन की रोक के बाद भी अवैध इमारतों का निर्माण बदस्तूर जारी है। इसे रोकने के लिए लोगों का प्रतिनिधिमंडल क्वालिटी काउंसिलिग आफ इंडिया मिनिस्ट्री आफ कामर्स भारत सरकार (भारतीय गुणवत्ता परिषद) के पदाधिकारियों से मिला।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 09:25 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 09:25 PM (IST)
शाहबेरी में अवैध निर्माण रोकने की मांग
शाहबेरी में अवैध निर्माण रोकने की मांग

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : शाहबेरी गांव में पुलिस प्रशासन की रोक के बाद भी अवैध इमारतों का निर्माण बदस्तूर जारी है। इसे रोकने के लिए लोगों का प्रतिनिधिमंडल क्वालिटी काउंसिलिग आफ इंडिया मिनिस्ट्री आफ कामर्स भारत सरकार (भारतीय गुणवत्ता परिषद) के पदाधिकारियों से मिला। इनका आरोप है कि पुलिस, प्रशासन की कार्रवाई के बावजूद बिल्डर अवैध इमारतों बनाने में लगे है। चोरी-छिपे शाहबेरी में अवैध इमारतें बन रही हैं। दावा किया कि निर्माण कार्य में खराब गुणवत्ता वाली सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है। क्वालिटी काउसलिग आफ इंडिया आफ कामर्स भारत सरकार के पदाधिकारी प्रमोद नागर ने मामले का संज्ञान लेकर अधिकारियों से मुलाकात कर बिल्डरों के खिलाफ जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया है।

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बता दें कि 17 जुलाई 2018 की रात को दो अवैध इमारतें ताश के पत्तों की तरह धराशायी हो गई थी। इसमें दबकर नौ लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शाहबेरी में हो रहे अवैध निर्माण पर रोक लगा चुका है। मुख्यमंत्री ने कमिश्नर से लेकर जिलाधिकारी तक से मजिस्ट्रेट जांच कराई थी। जांच में सामने आया कि बिल्डरों ने इमारतों के निर्माण में गुणवत्ता व मानकों की घोर अनदेखी की है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जांच में शाहबेरी में 450 बहुमंजिला इमारतें, 1043 व्यक्तिगत इमारतें व कई दुकानें अवैध मिली थी। प्राधिकरण ने सैकड़ों इमारतों को खतरनाक बताते हुए सील भी किया था। प्राधिकरण कई बार इमारतों को ध्वस्त करने का प्रयास कर चुका है, लेकिन हर बार खरीदारों के विरोध का सामना करना पड़ा। मुलाकात के दौरान मनीष त्यागी, सचिन त्यागी, आदेश कप्तान, बब्लू, अनु भाटी, धर्मेंद्र, सुनील, राकेश, सतपाल आदि मौजूद थे।


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