Move to Jagran APP

डेढ़ माह परिवार से दूर रहकर बखूबी निभाया कर्तव्य

जागरण संवाददाता नोएडा चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टाफ की सेवाभाव से ही कोरोना संक्रमण से काफी हद तक बचाव संभव हो पा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में जहां संक्रमित होने पर लोगों से अपनों ने मुंह मोड़ लिया था वहीं स्वास्थ्यकर्मियों ने दिन-रात अस्पताल में संक्रमितों के बीच रहकर उनकी सेवा की। कुछ ऐसी ही जिम्मेदारी सेक्टर-39 स्थित कोविड अस्पताल के फार्मासिस्ट भीम सिंह चौहान ने भी निभाई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 06:21 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 06:21 PM (IST)
डेढ़ माह परिवार से दूर रहकर बखूबी निभाया कर्तव्य
डेढ़ माह परिवार से दूर रहकर बखूबी निभाया कर्तव्य

जागरण संवाददाता, नोएडा : चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टाफ की सेवाभाव से ही कोरोना संक्रमण से काफी हद तक बचाव संभव हो पा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में जहां संक्रमित होने पर लोगों से अपनों ने मुंह मोड़ लिया था, वहीं स्वास्थ्यकर्मियों ने दिन-रात अस्पताल में संक्रमितों के बीच रहकर उनकी सेवा की। कुछ ऐसी ही जिम्मेदारी सेक्टर-39 स्थित कोविड अस्पताल के फार्मासिस्ट भीम सिंह चौहान ने भी निभाई। डेढ़ माह तक वह परिवार से दूर कोविड अस्पताल में ही रहे। आक्सीजन व जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता बरकरार रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वाह किया।

loksabha election banner

मूलरूप से बिजनौर निवासी फार्मासिस्ट भीम सिंह चौहान डेढ़ वर्ष से नोएडा कोविड अस्पताल में फार्मेसी का काम संभाल रहे हैं। चिकित्साधिकारी को सुबह-शाम दवाओं की रिपोर्ट और उपलब्धता आदि की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के बीच उन्होंने अपने कार्यों का दायरा बढ़ा दिया। मरीजों के लिए दवाएं उपलब्ध कराने के साथ ही उन्होंने आक्सीजन की उपलब्धता को दुरुस्त रखने का बीड़ा उठाया। दिन में फार्मेसी व रात में आक्सीजन प्लांट में उन्होंने ड्यूटी दी। आक्सीजन खत्म होने के एक घंटे पहले से ही कंपनी में संपर्क कर अभाव दूर कराया। कर्मचारी न होने पर खुद के कंधे पर सिलेंडर लादकर अस्पताल पहुंचाया। लगातार डेढ़ माह तक वह परिवार से दूर अस्पताल परिसर बने फ्लैट में रहे। अस्पताल का खाना खाया और ड्यूटी दी। आज भी उसी लगन के साथ अपना कार्य कर रहे हैं। वीडियो काल पर बच्चों से की बात : भीम सिंह बताते हैं कि दूसरी लहर में हर वक्त अस्पताल में मरीजों का आना-जाना था। हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते गए। आपदा में दूसरों के काम आने का मन बना लिया। परिवार से वीडियो काल पर बातचीत की। बच्चे, पत्नी व बीमार मां ने भी हिम्मत दी। अब हालात नियंत्रण में हैं। सावधानी बरतकर बच्चों के साथ समय बिताने का भी समय मिल रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.