उपभोक्ता आयोग ने कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल को माना इलाज में लापरवाही का दोषी
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने कर्मचारी राज्य बीमा अस्पता
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल को सेवाओं में कमी का दोषी माना है। अस्पताल द्वारा कर्मचारी के इलाज में बरती गई लापरवाही पर भी नाराजगी जताई है। आदेश दिया है कि कर्मचारी को 31,671 रुपये नौ फीसद ब्याज के साथ दे। साथ ही मानसिक उत्पीड़न के रूप में दस व वाद व्यय के रूप में एक हजार रुपये का जुर्माना देने का भी आदेश दिया है।
ब्रजवीर सिंह नोएडा के बरौला में रहते हैं। वह सेक्टर 80 में स्थित शिबराम न्यूएज में आपरेटर के पद पर तैनात हैं। 2013 में कार्यालय में काम समाप्त कर वह रात लगभग नौ बजे मोटरसाइकिल से अपने घर जा रहे थे। रास्ते में उनकी मोटर साइकिल दुर्घटनाग्रस्त हो गई। घटना में उनके बाएं पैर की चार अंगुलियों में चोट आई। लोगों की मदद से तत्काल वह कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल नोएडा में गए। डाक्टर ने दवा दी और अगले दिन सुबह बुलाया। अगले दिन बताया कि प्लास्टर कर दे रहे हैं 15 दिन में ठीक हो जाएगा। पंद्रह दिन बाद प्लास्टर काटने पर चारों अंगुलियों में सूजन रही। डाक्टर ने बताया कि कुछ दिन में सूजन चली जाएगी, लेकिन कई दिन बाद तक सूजन नहीं गई और दर्द बना रहा। निजी डाक्टर के यहां जांच कराने पर पता चला कि चारों अंगुलियों की हड्डी टूटी हुई है। पीड़ित ने दोबारा कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल में संपर्क किया। आरोप है कि डाक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया। पीड़ित ने निजी अस्पताल में महंगे खर्च पर इलाज कराया। इलाज के रूप में कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल से उन्हें 12,699 रुपये का ही भुगतान किया गया। ब्रजवीर का कहना है कि सैलरी के हिसाब से उसे 44,370 रुपये मिलने चाहिए थे। उन्होंने उपभोक्ता आयोग में याचिका दायर की थी।