बदले नजारे के साथ खुले कालेज, गिने-चुने विद्यार्थी पहुंचे
जागरण संवाददाता नोएडा कोरोना काल में लंबे समय से बंद रहे कालेज अब एक बार फिर नए रूप क
जागरण संवाददाता, नोएडा: कोरोना काल में लंबे समय से बंद रहे कालेज अब एक बार फिर नए रूप के साथ खुल गए हैं। एकेटीयू के अंतर्गत आने वाले कई कालेजों में मंगलवार से प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थी अभिभावकों के साथ पहुंचे और पाठ्यक्रम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई, इस दौरान विद्यार्थियों ने कालेज जाकर नए सेशन में शामिल होने के लिए उपस्थिति दर्ज कराई। कालेज पहुंचने वाले छात्रों की संख्या बहुत कम रही है।
23 फीसद अभिभावकों ने जताई सहमति: सेक्टर-62 स्थित जेएसएस कालेज के प्राचार्य जीएम पाटिल ने बताया कि शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के अनुसार विद्यार्थियों की सुविधा के लिए कालेज आनलाइन के साथ ही आफलाइन कक्षाएं भी जारी रख सकते हैं, इसके लिए अभिभावकों से अनुमति पत्र लेना अनिवार्य होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए अभिभावकों के बीच आनलाइन सर्वे कर उनकी राय पूछी गई, जिसमें कुल 23 फीसद अभिभावकों ने बच्चों को कॉलेज भेजने के लिए अनुमित पत्र देने की सहमति जताई। कालेज में नई व्यवस्था लागू की गई है जिसमें दो सप्ताह दो सेमेस्टर के विद्यार्थियों की समस्या निवारण कक्षाएं (डाउट कक्षाएं) संचालित की जाएंगी, इसमें विद्यार्थियों को एक दिन छोड़कर कालेज बुलाया जाएगा। वहीं बाकी के समय छात्रों की आनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। कॉलेज में करीब चार हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं, नई व्यवस्था के अनुसार कैंपस में एक दिन में 200 से 300 विद्यार्थी विभिन्न शिफ्ट में पढ़ने आएंगे, बुधवार से नई व्यवस्था लागू होगी।
एक साथ चलेंगी आनलाइन व आफलाइन कक्षाएं: सेक्टर-62 स्थित आइमएस कालेज में मंगलवार को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के तीन से चार विद्यार्थी ही कालेज पहुंचे और नए सत्र से संबंधित जानकारी हासिल की। इस दौरान कॉलेज पहुंचे विद्यार्थियों का प्रवेश द्वार पर तापमान जांचने के साथ सैनिटाइज किया गया। कालेज प्रबंधन ने बताया कि कैंपस में बुधवार से आनलाइन के साथ ही आफलाइन कक्षाओं का संचालन शुरू किया जाएगा। कालेज में कक्षाओं और फैकल्टी रूम को भी कोरोना से बचाव करते हुए तैयार किया गया है। सरकारी कालेजों को देखा जाए तो वहां अभी भी आफलाइन कक्षा लेने वाले छात्रों की संख्या में कमी है, सेक्टर -62 स्थित उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन में केवल अंतिम वर्ष के विद्यार्थी प्रायोगिक कक्षा में शामिल हो रहे हैं। वहीं सेक्टर -39 स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मुश्किल से 10 फीसद विद्यार्थी कालेज पहुंच रहे हैं।