एसटीपी के पानी से पार्क व ग्रीन बेल्ट की होगी सिंचाई
जागरण संवाददाता नोएडा सोसायटी में लगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के शोधित पानी से आसपास के पार्क व ग्रीन बेल्ट की सिंचाई की जाएगी। पानी की गुणवत्ता परखने को कमेटी गठित होगी। प्राधिकरण द्वारा गठित कमेटी पानी की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप जांचेगी। यदि किसी भी सोसायटी में शोधित पानी की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं मिली तो वहां जुर्माना लगाने के साथ कार्रवाई भी की जाएगी। इससे दो फायदे होंगे एक भू-जल दोहन नहीं होगा। साथ ही जमीन में जाने वाला पानी भू-जल को प्रदूषित नहीं करेगा। इसी तरह जल्द ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जांच की जाएगी।
जागरण संवाददाता, नोएडा : सोसायटी में लगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के शोधित पानी से आसपास के पार्क व ग्रीन बेल्ट की सिंचाई की जाएगी। पानी की गुणवत्ता परखने को कमेटी गठित होगी। प्राधिकरण द्वारा गठित कमेटी पानी की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप जांचेगी। यदि किसी भी सोसायटी में शोधित पानी की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं मिली तो वहां जुर्माना लगाने के साथ कार्रवाई भी की जाएगी। इससे दो फायदे होंगे, एक भू-जल दोहन नहीं होगा। साथ ही जमीन में जाने वाला पानी भू-जल को प्रदूषित नहीं करेगा। इसी तरह जल्द ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जांच की जाएगी।
दरअसल, सोसायटियों में एसटीपी का पानी उनके उपयोग से ज्यादा बच रहा है। वहीं, सोसायटी के आसपास कई जगह पार्क और ग्रीन बेल्ट हैं। कई जगहों पर ग्रीन बेल्ट और पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इन पार्को तक एसटीपी की मुख्य लाइन से यहां तक लाइन डालने में बहुत खर्च होगा। इसलिए आसपास की सोसायटी में लगे एसटीपी के पानी से यहां सिंचाई करने का प्लान तैयार किया गया है। ऐसे में भू-जल दोहन को भी रोका जा सकेगा। इसके लिए सोसायटी से संपर्क अभियान शुरू कर दिया गया है।
शहर में कुल 230 सोसायटी हैं। ऐसे में कम खर्च और भू-जल को बचाकर पार्क व ग्रीन बेल्ट में हरियाली बढ़ाई जा सकती है। पानी की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए गठित समिति समय-समय पर पानी की गुणवत्ता की जांच करेगी। इसकी रिपोर्ट प्राधिकरण के आलाधिकारियों को दी जाएगी।
कमेटी गठित करने का प्रस्ताव तैयार कर सीईओ के पास भेजा गया। इसमें उद्यान निदेशक समेत अन्य एजेंसी, नियोजन विभाग के सदस्य शामिल रहेंगे।
-इंदु प्रकाश सिंह, उद्यान निदेशक एवं ओएसडी, नोएडा प्राधिकरण