चाइल्डहुड कैंसर के इलाज का हब बन रहा चाइल्ड पीजीआइ
सेक्टर-30 स्थित सुपर स्पेशियलिटी चाइल्ड हॉस्पिटल एंड पोस्ट ग्रेजुएट टी¨चग इंस्टीट्यूट चाइल्डहुड कैंसर (बच्चों में होने वाला कैंसर) के इलाज का हब बनता रहा है। अस्पताल में दिल्ली-एनसीआर के अलावा कई बाहरी राज्यों से भी कैंसर से पीड़ित बच्चे इलाज कराने के लिए पहुंच रहे है।
जागरण संवाददाता, नोएडा :
सेक्टर-30 स्थित सुपर स्पेशियलिटी चाइल्ड हॉस्पिटल एंड पोस्ट ग्रेजुएट टी¨चग इंस्टीट्यूट चाइल्डहुड कैंसर (बच्चों में होने वाला कैंसर) के इलाज का हब बनता जा रहा है। अस्पताल में दिल्ली-एनसीआर के अलावा कई बाहरी राज्यों से भी कैंसर से पीड़ित बच्चे इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं।
अस्पताल में हेमेटोलॉजी ऑन्कोलॉजी की प्रमुख डॉ. नीता राधाकृष्णनन ने बताया कि कैंसर के ज्यादातर मामले वयस्कों में ही देखने को मिलते थे। लेकिन इस बीमारी की चपेट में अब बच्चे भी आ रहे हैं। कैंसर शरीर के विभिन्न हिस्सों में सामान्य कोशिकाओं के अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है। सामान्य परिस्थितियों में कोशिकाओं का एक नियंत्रित तंत्र होता है। कभी-कभी सामान्य कोशिकाओं के अंदर डीएनए मॅालीक्यूल्स में अपरिवर्तनीय क्षति के कारण कार्सिनोजेन हमला कर देते हैं। यही कैंसर जैसी बीमारी का कारण बनता है। बचपन में कैंसर होना चाइल्डहुड कैंसर कहलाता है। उन्होंने बताया कि शुरुआती स्टेज में कैंसर की पहचान होने पर इलाज संभव है। बच्चों में ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, न्यूरोब्लास्टोमा, सेंट्रल नर्वस सिस्टम ट्यूमर, रेटिनोब्लास्टोमा, रैब्डोमायोसरकोमा होने वाले मुख्य कैंसर हैं। अस्पताल में इस साल 50 से अधिक बच्चे कैंसर का इलाज कराने पहुंचे। इनमें दिल्ली-एनसीआर के अलावा पश्चिमी यूपी, बिहार, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, झारखंड से लोग यहां पहुंचे। अस्पताल में अबतक 250 से अधिक कैंसर से पीड़ित बच्चों का इलाज किया गया है।
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आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को मिलती है मदद
अस्पताल प्रशासन की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पीएमएनआरएफ, सीएमआरएफ और आरोग्य निधि आयुष्मान योजना से मदद दिलाई जाती है। अबतक 20 से बच्चों को आर्थिक मदद मिल चुकी है।
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हम अस्पताल को एशिया में बच्चों का सबसे बेहतर केंद्र बनाने की ओर अग्रसर हैं। हमारा प्रयास है कि संस्थान में बच्चों के इलाज के साथ ही, उन्हें होने वाली बीमारियों पर शोध किया जा सके। इससे शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।
- डॉ. देवेंद्र कुमार गुप्ता, निदेशक, चाइल्ड पीजीआइ