आधी आबादी भर रही चरस का दम
प्रवीण विक्रम सिंह ग्रेटर नोएडा देश की तरक्की में अहम किरदार निभाने वाली महिलाएं चरस
प्रवीण विक्रम सिंह, ग्रेटर नोएडा : देश की तरक्की में अहम किरदार निभाने वाली महिलाएं चरस का चस्का लेने में पुरुषों को टक्कर दे रहीं हैं। 21वीं सदी में आधी आबादी को हर मामले में बराबर का हिस्सेदार माना जाता है। इस पर मुहर लगाई है दिल्ली एनसीआर के कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं व बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी करने वाली युवतियों ने। चार करोड़ रुपये की चरस के साथ पकड़े गए तस्करों ने कई चौंकाने वाले पर्दाफाश किए हैं। बुलंदशहर में छापेमारी स्थल पर पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक डाटा के अलावा डायरी मिली है, जिसमें चरस लेने वाली पांच सौ से अधिक युवतियों व विदेशी नागरिकों का डाटा है। पुलिस सभी आरोपितों को रिमांड पर लेकर आगे की कड़ी जोड़ेगी और नशे के नेटवर्क को ध्वस्त करेगी।
पूछताछ के दौरान पता चला है कि नॉलेज पार्क के कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों से ज्यादा छात्राएं चरस का सेवन कर रहीं हैं। बात चाहें शिक्षा, कारोबार, सरकारी नौकरी या फिर खेल जगत की हो आधी आबादी ने अपनी अलग पहचान स्थापित की है, लेकिन जिस तरह से वर्तमान में नशे का चस्का इनके सिर चढ़ कर बोल रहा है इससे भविष्य की कल्पना करना मुश्किल है। ग्रेटर नोएडा बना नशे का अड्डा
ग्रेटर नोएडा का ड्रग्स, चरस व गांजा से पुराना नाता है। यहां रहने वाले विदेशी नागरिक अक्सर नशीले पदार्थ के साथ पकड़े जाते हैं। बीते साल मई 2019 में भी विदेशी नागरिकों को 400 करोड़ रुपये की ड्रग्स के साथ पकड़ा था। पांच दिन पहले सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने 11 विदेशी नागरिकों को तीन सौ बीयर की बोतल व केन के साथ गिरफ्तार किया था। इससे पहले वर्ष 2013 में भी विदेशी नागरिकों को ओमीक्रान सेक्टर से ड्रग्स की फैक्ट्री संचालित करते हुए गिरफ्तार किया गया था। सभी मामलों में आधी आबादी भी आरोपित बनी थी। एयरपोर्ट पर पकड़ी गई ड्रग्स ग्रेनो से भेजी गई थी
बता दें कि बीते साल नई दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर सुरक्षाकर्मी ने एक महिला को ड्रग्स के साथ पकड़ा था। उसी की निशानदेही पर ग्रेटर नोएडा से चार सौ करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद की गई थी। विदेशी महिला ग्रेटर नोएडा से विदेश में ड्रग्स की तस्करी करती थी। पंजाब से आती थी चरस
पुलिस ने बताया कि तस्करों के पास पंजाब से चरस आती थी। ट्रेन के अलावा सड़क से भी चरस बुलंदशहर व ग्रेटर नोएडा लाई जा रही थी। संकरी गलियों में होता है ठिकाना
पुलिस ने बताया कि नशे का कारोबार करने वाले संकरी गलियों में ठिकाना बनाते हैं, जिससे कि पुलिस को पहुंचने में दिक्कत हो और आरोपित आसानी से फरार हो जाए।