Move to Jagran APP

प्रोजेक्ट साइट पर टी-10 क्रिकेट मैच खेलकर निवेशकों ने किया विरोध

सेक्टर-107 स्थित आम्रपाली हार्टबीट सिटी के बायर्स ने परियोजना साइट पर टी-10 क्रिकेट मैच खेलकर अपना विरोध दर्ज कराया। बायर्स ने विरोध व्यक्त करते हुए प्राधिकरण व बिल्डर के खिलाफ नारेबाजी की। बायर्स ने बताया कि बिल्डर ने बिना बायर्स की आपत्ति लिए ही इसका ले-आउट प्लान बदल दिया। जिस स्थान पर क्लब हाउस बनना था उसे महागुन के हाथों बेच दिया गया और महागुन अब इसमें बाधा उत्पन्न कर रहा है। बिल्डर ने हमसे लिया पैसा किसी दूसरी परियोजना में लगा दिया। जबकि हम सालों से फ्लैटों के तरस रहे है। यह परियोजना आम्रपाली के नाम पर बेची गई लेकिन अब आम्रपाली ने स्पष्ट कहा कि इस परियोजना में वह सीधे शामिल नहीं है। बिल्डर द्वारा दिया गया समय सीमा पूरी हो चुकी है। लेकिन अब तक फ्लैट नहीं मिले है मामला सर्वोच्च न्यायालय में फंस गया है ऐसे में भविष्य में भी समय सीमा तय नहीं की गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 10:31 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 10:31 PM (IST)
प्रोजेक्ट साइट पर टी-10 क्रिकेट मैच खेलकर निवेशकों ने किया विरोध
प्रोजेक्ट साइट पर टी-10 क्रिकेट मैच खेलकर निवेशकों ने किया विरोध

जागरण संवाददाता, नोएडा : सेक्टर-107 स्थित आम्रपाली हार्टबीट सिटी के निवेशकों ने परियोजना साइट पर टी-10 क्रिकेट मैच खेलकर अपना विरोध दर्ज कराया। निवेशकों ने विरोध व्यक्त करते हुए प्राधिकरण व बिल्डर के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने बताया कि बिल्डर ने बिना निवेशकों की आपत्ति लिए इसका ले-आउट प्लान बदल दिया। जिस स्थान पर क्लब हाउस बनना था उसे महागुन के हाथों बेच दिया और महागुन अब इसमें बाधा उत्पन्न कर रहा है। बिल्डर ने हमसे लिया पैसा किसी दूसरी परियोजना में लगा दिया, जबकि हम सालों से फ्लैटों के तरस रहे हैं। यह परियोजना आम्रपाली के नाम पर बेची गई, लेकिन अब आम्रपाली ने स्पष्ट कहा कि इस परियोजना में वह सीधे शामिल नहीं हैं। बिल्डर द्वारा दिया गया समय सीमा पूरी हो चुकी है, लेकिन अब तक फ्लैट नहीं मिले हैं। मामला सर्वोच्च न्यायालय में फंस गया है। ऐसे में भविष्य में भी समय सीमा तय नहीं की गई है।

loksabha election banner

निवेशकों ने कहा कि वह ईएमआइ के बोझ तले दब चुके हैं। अब तक उन्हें मकान मिला नहीं और उनकी बैंक में ईएमआई निरंतर जा रही है ऐसे में ईएमआइ पर तत्काल रोक लगाई जाए, ताकि वह अपना गुजर बसर कर सके। प्रधानमंत्री व प्रदेश सरकार ने हमसे वादा किया था कि वह उनके मकान दिलाएंगे, लेकिन उनके वादे भी सिर्फ खानापूर्ति तक ही सीमित रह गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.