दोबारा से आसमान छूने की तैयारी में भारती
चंद्रशेखर वर्मा ग्रेटर नोएडा 19 वर्षीय भारती भाटी छोटी-सी उम्र में राष्ट्रीय स्तर पर हुए कई दौड़ प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं।
चंद्रशेखर वर्मा, ग्रेटर नोएडा : 19 वर्षीय भारती भाटी छोटी-सी उम्र में राष्ट्रीय स्तर पर हुए कई दौड़ प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं। किसी को क्या पता था कि एक दिन जिदगी बिस्तर पर आ जाएगी। सड़क दुर्घटना ने दौड़ने का सपना छीन लिया। ऐसा नहीं है कि उसने बीच में कोशिश नहीं की, पैरों में सूजन आने से आराम करना पड़ा। हालांकि तमाम झंझावातों के बीच उनकी आंखों ने ख्वाब देखना नहीं छोड़ा है। वह अब दोबारा सपनों को पंख देने का भरसक प्रयास कर रही हैं।
भारती परिवार के साथ मकौड़ा गांव में रहती हैं। पिता विजय सिंह भाटी किसान हैं। मां ऊषा देवी गृहिणी हैं। वर्तमान में खेल कोटे से दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए प्रोग्राम की पढ़ाई कर रही हैं। वह मध्यम दौड़ 800 मीटर व लंबी दौड़ 1500 मीटर की अच्छी खिलाड़ी रह चुकी हैं। साथ ही पांच व 10 किलोमीटर मैराथन में भी हिस्सा ले चुकी हैं। बकौल भारती, कक्षा सातवीं में कोच पंकज पुजारी ने एक खेल इवेंट में दौड़ते देखा और इसके लिए प्रोत्साहित किया। वर्ष 2013 में पश्चिम बंगाल में हुए राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। वर्ष 2015 में गुजरात में हुई सीबीएसई राष्ट्रीय कलस्टर प्रतियोगिता में दूसरा स्थान पाया। वर्ष 2013 में नोएडा में आह्वान नाम से हुई खेल प्रतियोगिता के दौड़ में हिस्सा लिया। 100, 200 और 400 मीटर दौड़ में प्रथम स्थान पाया। वर्ष 2015 में सीबीएसई कलस्टर प्रतियोगिता में 800 व 1500 मीटर दौड़ में अव्वल रही।
भारती ने बताया कि वर्ष 2015 दिसंबर में सड़क पर दौड़ का अभ्यास करते समय बाइक सवार ने टक्कर मार दी। पैर की हड्डी में काफी फ्रैक्चर हो गया। दो वर्ष तक आराम किया। वर्ष 2017 में दिल्ली विवि में दाखिले के लिए जैसे-तैसे खेल का ट्रायल दिया और चयन हो गया। इसी वर्ष दोबारा से दौड़ने का अभ्यास शुरू किया। क्रास कंट्री में हिस्सा लिया। अधिक दौड़ने से पैरों में सूजन आ गई। चिकित्सक ने आराम करने की सलाह दी। अभी फिलहाल आराम पर हूं। विश्वास है अधूरे ख्वाब को पूरा करने के लिए पैर दोबारा से दौड़ना शुरू करेंगे।