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पशुओं की टैगिग के कार्य में पिछड़ा जिला, पशुपालक नहीं दिखा रहे जागरूकता

- शासन ने दिए है शत प्रतिशत टीकाकरण व ईयर टैगिग करने के दिशा निर्देश जागरण संवा

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 07:48 PM (IST)
पशुओं की टैगिग के कार्य में पिछड़ा जिला, पशुपालक नहीं दिखा रहे जागरूकता
पशुओं की टैगिग के कार्य में पिछड़ा जिला, पशुपालक नहीं दिखा रहे जागरूकता

- शासन ने दिए है शत प्रतिशत टीकाकरण व ईयर टैगिग करने के दिशा निर्देश जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : पशुओं की टैगिग व टीकाकरण अभियान में जिला पिछड़ा नजर आ रहा है। अभियान को लेकर पशुपालक बिल्कुल भी जागरूकता नहीं दिखा रहे हैं। आलम यह है कि अभियान के डेढ़ महीने के बाद भी विभाग 10 फीसद लक्ष्य की प्राप्ति भी नहीं कर सका है। जबकि शासन ने विभाग को शत प्रतिशत टीकाकरण व ईयर टैगिग करने के दिशा निर्देश जारी किए हैं। पशुपालक नहीं गंभीर जिले में एक अक्टूबर से पशुओं की टैगिग व टीकाकरण का अभियान चल रहा है। चिकित्सकों की टीमें गांवों में घूम-घूमकर पशु पालकों को टीकाकरण कराने व पशुओं की टैगिग कराने के लिए प्रेरित कर रही हैं, लेकिन पशुपालक बिल्कुल भी संजीदा नहीं हैं। पशुओं के कान पकने व बीमार हो जाने के तर्क देकर पशुओं की टैगिग कराने से पशुपालक बचते नजर आ रहे हैं। असमंजस में विभाग

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पशुपालकों को जागरूक करने के लिए विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रखने की चेतावनी भी दी जा रही है। पशुपालकों में पशुओं के कान में टैग लगाने को लेकर बहुत तरह की भ्रांतियां है। पशुपालक टीका कर्मियों को बैरंग लौटा रहे हैं। यहीं कारण है कि डेढ़ महीने बाद भी टैगिग का लक्ष्य 10 फीसद भी पूरा नहीं हो सका है। - पशुपालक टैगिग को लेकर रुचि नहीं दिखा रहे हैं। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन एवं निर्धारित अवधि में लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पशु चिकित्सकों व कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

-डॉ. वीरेंद्र श्रीवास्तव, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी


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