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24 सील बहुमंजिला इमारतों को ढहाने पहुंची प्राधिकरण टीम, ग्रामीणों के विरोध के बाद बैरंग लौटी

24 सील बहुमंजिला इमारतों को ढहाने पहुंची प्राधिकरण टीम को सेक्टर-121 स्थित गढी चौखंडी गांव में ग्रामीणों ने घेर लिया। बढ़ता विवाद देखकर प्राधिकरण टीम को बिना कार्रवाई करे वापस लौटना पड़ा। इस दौरान प्राधिकरण के विरोध में नारेबाजी हुई। तीन घंटे तक ग्रामीणों के साथ प्राधिकरण जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच गहमा-गहमी होती दिखी। जिसको शांत कराने के लिए पुलिस को कई बार आगे आना पड़ा। अंत में प्राधिकरण दस्ते को ग्रामीणों के विरोध के चलते वापस लौटना पड़ा। अब मंगलवार को 11 बजे ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य कार्यपालक अधिकारी से बातचीत करेगा। इसके प्राधिकरण व ग्रामीणों दोनों ही अपने स्तर पर आगे की रणनीति तैयार करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 10:19 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 06:30 AM (IST)
24 सील बहुमंजिला इमारतों को ढहाने पहुंची प्राधिकरण टीम, ग्रामीणों के विरोध के बाद बैरंग लौटी
24 सील बहुमंजिला इमारतों को ढहाने पहुंची प्राधिकरण टीम, ग्रामीणों के विरोध के बाद बैरंग लौटी

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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24 सील बहुमंजिला इमारतों को ढहाने पहुंची प्राधिकरण टीम को सेक्टर-121 स्थित गढ़ी चौखंडी गांव में ग्रामीणों ने घेर लिया। बढ़ता विवाद देखकर प्राधिकरण टीम को बिना कार्रवाई करे वापस लौटना पड़ा। इस दौरान प्राधिकरण के विरोध में नारेबाजी हुई। तीन घंटे तक ग्रामीणों के साथ प्राधिकरण जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच गहमा-गहमी हुई। जिसको शांत कराने के लिए पुलिस को कई बार आगे आना पड़ा। अंत में प्राधिकरण दस्ते को ग्रामीणों के विरोध के चलते वापस लौटना पड़ा। अब मंगलवार को 11 बजे ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य कार्यपालक अधिकारी से बातचीत करेगा। प्राधिकरण व ग्रामीण दोनों ही अपने स्तर पर आगे की रणनीति तैयार करेंगे।

शाहबेरी घटना के बाद प्राधिकरण ने जर्जर व अवैध इमारतों को खाली करवाने व सील करने की कार्रवाई की थी। इस दौरान कुल 1757 इमारतों को जर्जर व अवैध घोषित किया गया। इसमें सेक्टर-121 गढ़ी चौखंडी गांव की 24 इमारतों को सील किया गया। यह सभी इमारतें 15 हजार वर्गमीटर जमीन पर खसरा नंबर-43, 51, 53 में बनी है। अधिकांश इमारतों में पांच से छह मंजिल तक निर्माण किया जा चुका है।

बता दें इसमे 16 इमारतों को 4 जनवरी 2018 को सील किया गया। जबकि 25 अगस्त 2018 को 16 दुकानें व आठ और इमारतों को सील किया गया था। इनमें से अधिकांश इमारत निर्माणाधीन हैं। जिनका काम रोक दिया गया साथ ही इनको ढहाने के निर्देश दिए गए। सील होने के एक साल तक इमारतों को ढहाया नहीं गया। बताया गया कि यह इमारत बाहर से सील है लेकिन अंदर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। वहीं, प्राधिकरण का अवैध निर्माण ढहाने को लेकर लगातार अभियान जारी है। ऐसे में सोमवार को 11:30 बजे 15 जेसीबी के साथ प्राधिकरण अधिकारी करीब चार थानों व प्राधिकरण की पुलिस गढ़ी चौखंडी गांव पहुंच गए। इसकी जानकारी ग्रामीणों को मिल गई। कुछ ही मिनटों में हजारों की संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने दस्ते को घेर लिया। पुलिस की ओर से कई बार चेतावनी दी गई समझाया गया लेकिन वह नहीं माने। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र मिश्रा व सीओ प्रथम श्वेताभ पांडे व प्राधिकरण विशेषाकार्यधिकारी एमपी सिंह ने ग्रामीणों से बातचीत की।

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ग्रामीणों ने नहीं बिल्डरों ने बनाई है इमारतें

बातचीत के दौरान अधिकारियों ने बताया कि यह जमीन 2006 में प्राधिकरण ने अधिग्रहीत की है। इसका मुआवजा भी दिया जा चुका है। अवैध कब्जा कर बिल्डरों ने यहां इमारत बनाई है। यह पूर्णत: अवैध है इसको ढहाया जाएगा। हालांकि ग्रामीणों ने अधिकारियों की बात नहीं मानी। वह मुख्य कार्यपालक अधिकारी से बातचीत को लेकर अड़े रहे। ऐसे में मंगलवार को मुख्य कार्यपालक अधिकारी से ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल मिलेगा।

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अवैध निर्माण को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इमारतें अवैध हैं इसके बारे में पहले भी ग्रामीणों को अवगत कराया जा चुका है। ग्रामीणों की मुख्य कार्यपालक अधिकारी से बातचीत होगी। इसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।

-एमपी सिंह, विशेषाकार्यधिकारी, नोएडा प्राधिकरण

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ग्रामीणों ने खून पसीने की कमाई से इमारतों का निर्माण किया है। इनको ढहाने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए आंदोलन करना पड़े किया जाएगा।

-सुखवीर खलीफा, किसान प्रतिनिधि


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