Move to Jagran APP

याकूबपुर गांव में प्राधिकरण ने बंद कमरे की खोली सील

प्राधिकरण ने शुक्रवार को याकूबपुर गांव में सील किए 36 कमरों में से एक कमरा व शौचायल को डि-सील कर दिया। प्राधिकरण ने इसका कोई कानूनी कारण नहीं बताया। नोएडा प्राधिकरण ओएसडी एमपी सिंह ने बताया कि कमरा एक 90 वर्षीय बुर्जुग महिला के लिए खोला गया है। बाकी सभी 35 कमरें सील है। इनका ध्वस्तीकरण किया जाएगा। कब्जा लेने के बाद करीब 12 किसानों को इस जमीन से पांच प्रतिशत जमीन आवंटित की जाएगी। बता दें 21 अगस्त को प्राधिकरण की टीम याकूब पुर गांव पहुंची थी। यहा 17720 वर्गमीटर जमीन पर खसरा नंबर-31 है। इस जमीन पर कर्मवीर महरसिंह धीर सिंह पुत्र रामलाल का कब्जा था। प्राधिकरण ने 26 सितंबर 2006 को धारा-4 व धारा-6 की कार्रवाई 9 जनवरी 2007 को की। इसके बाद 14 जून को अवैध कब्जाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। जिनको जमीन खाली करने के लिए 23 जुलाई 201

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 12:03 AM (IST)Updated: Mon, 28 Oct 2019 06:28 AM (IST)
याकूबपुर गांव में प्राधिकरण ने बंद कमरे की खोली सील
याकूबपुर गांव में प्राधिकरण ने बंद कमरे की खोली सील

जागरण संवाददाता, नोएडा :

loksabha election banner

प्राधिकरण ने शुक्रवार को याकूबपुर गांव में सील किए 36 कमरों में से एक कमरा व शौचालय को डि-सील कर दिया। प्राधिकरण ने इसका कोई कानूनी कारण नहीं बताया है। नोएडा प्राधिकरण ओएसडी एमपी सिंह ने बताया कि कमरा एक 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला के लिए खोला गया है। बाकी सभी 35 कमरें सील हैं। इनका ध्वस्तीकरण किया जाएगा। कब्जा लेने के बाद करीब 12 किसानों को इस जमीन से पांच प्रतिशत जमीन आवंटित की जाएगी।

बता दें 21 अगस्त को प्राधिकरण की टीम याकूबपुर गांव पहुंची थी। यहां 17,720 वर्गमीटर जमीन पर खसरा नंबर-31 है। इस जमीन पर कर्मवीर, महरसिंह, धीर सिंह पुत्र रामलाल का कब्जा था। प्राधिकरण ने 26 सितंबर 2006 को धारा-4 व धारा-6 की कार्रवाई 9 जनवरी 2007 को की। इसके बाद 14 जून को अवैध कब्जाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। जिनको जमीन खाली करने के लिए 23 जुलाई 2018 को अंतिम नोटिस जारी किया गया था। ऐसे में प्राधिकरण की टीम ने 36 कमरों व दो दुकानों को सील कर दिया था। इन कमरों व दुकानों को ध्वस्त किया जाना था। शुक्रवार को प्राधिकरण टीम ने एक कमरे व शौचालय को खोल दिया। हालांकि ग्रामीण इसे अपनी जीत मान रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार धरना प्रदर्शन के चलते सीईओ ने सील खोलने के निर्देश दिए है। ओएसडी एमपी सिंह ने बताया कि सील लगाने के बाद ग्रामीणों ने हाई कोर्ट में सीलिग के विरोध में याचिका दायर की थी। प्राधिकरण ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। उन्होंने बताया कि सील किए गए सभी कमरों को ध्वस्त किया जाएगा। इसके बाद यह जमीन 5 फीसद आबादी के हिसाब से आवंटित की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.