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फ्लाइट का टिकट रद कराने के चक्कर में असिस्टेंट मैनेजर ने गंवाए एक लाख

सेक्टर 44 में रहने वाली एक बैंक में असिस्टेंट मैनेजर युवती को फ्लाइट का टिकट रद्द कराने के लिए हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क करना महंगा पड़ गया। उसका आरोप है कि फ्लाइट रद्द करने का झांसा देकर आरोपित ने यूपीआइ नंबर ले लिया और उसके खाते से करीब दस बार में एक लाख रुपये निकाल लिया। पीड़ित ने कोतवाली सेक्टर 39 पुलिस से शिकायत की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 11:10 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 11:10 PM (IST)
फ्लाइट का टिकट रद कराने के चक्कर में असिस्टेंट मैनेजर ने गंवाए एक लाख
फ्लाइट का टिकट रद कराने के चक्कर में असिस्टेंट मैनेजर ने गंवाए एक लाख

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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सेक्टर 44 में रहने वाली एक बैंक में असिस्टेंट मैनेजर युवती को फ्लाइट का टिकट रद कराने के लिए हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क करना महंगा पड़ गया। उसका आरोप है कि फ्लाइट रद करने का झांसा देकर आरोपित ने यूपीआइ नंबर ले लिया और उसके खाते से करीब दस बार में एक लाख रुपये निकाल लिये। पीड़ित ने कोतवाली सेक्टर 39 पुलिस से शिकायत की है।

मूलरूप से पटना, बिहार की रहने वाली प्रियंका कुमारी सेक्टर 44 स्थित एक बैंक में असिस्टेंट मैनेजर हैं। उन्होंने बताया कि अभी उनकी ट्रेनिग चल रही है। इसकी परीक्षा 11 मार्च को होनी थी। इसके बाद उन्हें घर जाना था। इसलिए एक माह पहले उन्होंने 16 मार्च का इंडिगो एयर लाइंस कंपनी की दिल्ली से पटना जाने वाली फ्लाइट का टिकट बुक कराई थी। अब उनकी परीक्षा 11 की जगह 18 मार्च को होगी। इसलिए उन्हें टिकट रद कराकर 19 मार्च का लेना था। इसके लिए उन्होंने गूगल से कंपनी का हेल्प लाइन नंबर प्राप्त कर फोन किया। फोन रिसीव करने वाले ने खुद को कंपनी का कर्मचारी बताते हुए टिकट रद करने में मदद देने का भरोसा दिया। उसने कुछ अतिरिक्त शुल्क लगने की बात कहते हुए उनसे यूपीआइ का नंबर मांगा और पूरा आश्वासन दिया कि किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं होगी। इसके बाद चंद मिनट में ही उनके खाते से एक लाख रुपये निकाल लिए गए। उस दौरान आरोपित से मोबाइल पर बात हो रही थी। उनके विरोध पर कुछ रुपये वापस भी किए, लेकिन कुछ सेकेंड बाद ही उसे भी निकाल लिया। दोबारा ग्राहक सेवा प्रतिनिधि से बात करने पर पता चला कि वह नंबर कंपनी का नहीं है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रशांत कपिल का कहना है कि युवती की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।

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खाते में सेंध लगाने के लिए अपना रहे अलग-अलग हथकंडे

साइबर ठग लोगों के खाते में सेंध लगाने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रहे हैं। साइबर ठग डेबिट कार्ड व खाता बंद होने, लॉटरी लगने, ऑनलाइन मोबाइल व वाहन बेचने, नौकरी दिलाने, ऑनलाइन ट्यूशन देने आदि का झांसा देकर लोगों से डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल हासिल कर उनके खाते से हजारों रुपये निकाल ले रहे हैं।

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साइबर ठगों पर पुलिस नहीं कस पा रही शिकंजा

साइबर ठगों के झांसे में आकर हजारों रुपये गंवाने वाले पीड़ितों को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोतवाली के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कई दिनों तक चक्कर लगाने के बाद रिपोर्ट दर्ज की जाती है। इसके बाद पुलिस साइबर सेल से जांच कराने का आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लेती है।


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