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शेड्यूल वर्क के हिसाब से आम्रपाली फ्लैट खरीदार को करना होगा भुगतान

जागरण संवाददाता नोएडा नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) के शेड्यूल वर्क के हिसा

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 11:22 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 11:22 PM (IST)
शेड्यूल वर्क के हिसाब से आम्रपाली फ्लैट खरीदार को करना होगा भुगतान
शेड्यूल वर्क के हिसाब से आम्रपाली फ्लैट खरीदार को करना होगा भुगतान

जागरण संवाददाता, नोएडा : नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) के शेड्यूल वर्क के हिसाब से आम्रपाली फ्लैट खरीदार को भुगतान करना होगा। देर रात सुप्रीम कोर्ट के आए निर्देश का आम्रपाली फ्लैट खरीदारों ने स्वागत किया है।

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लंबे समय से नेफोवा आम्रपाली मामले में कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त कोर्ट रिसीवर के समक्ष इस मुद्दे को रखता रहा है। आम्रपाली फ्लैट खरीदार बाकी भुगतान कैसे कर पाएंगे, इस बात को लेकर उहापोह की स्थिति में थे।

गौरतलब है कि कोरोना संकट के कारण कई आम्रपाली खरीदारों की नौकरी जा चुकी है और वह आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में आम्रपाली के बकाये भुगतान की चिंता का बोझ अलग सता रहा था। ऐसे हालात में कोर्ट के निर्देश से सबने राहत की सांस ली है।

नेफोवा महासचिव श्वेता भारती ने बताया कि कोर्ट के समक्ष खरीदारों की बात रख पाने में अंतत: कामयाब रहे। उम्मीद करते हैं कि आम्रपाली के जिन प्रोजेक्ट में टेंडर अभी नहीं निकला है, उसकी टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। साथ ही आम्रपाली के जिन प्रोजेक्ट में टेंडर निकल गया है, लेकिन अब तक कोई भी कंपनी ने उन प्रोजेक्ट में काम करने के लिए आवेदन में हिस्सा नहीं लिया है, वहां भी कंपनियां आगे आए ताकि जल्द से जल्द सभी प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य शुरू हो सके। सभी लोगो को आशियाना मिलने का रास्ता साफ हो सके। फंसे हुए प्रोजेक्ट की पूरे होने की उम्मीद

आम्रपाली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अथॉरिटी को एमसीएलआर रेट पर ब्याज दर लेने का निर्देश दिया है। बकाया राशि की ब्याज दर घटाये जाने से सिर्फ आम्रपाली प्रोजेक्ट को ही नहीं, बल्कि क्षेत्र के अन्य फंसे हुए प्रोजेक्ट जिनके बनने की उम्मीद बिल्कुल खत्म हो चुकी थी, वहां भी प्रोजेक्ट पूरा होने की उम्मीद जगी है। अथॉरिटी के बकाये की बड़ी राशि के कारण निर्माण कार्य मे अड़चन आ रही थी। फंड की कमी के कारण कई फंसे हुए प्रोजेक्ट के बिल्डर कर्ज में डूब गए थे। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से तमाम फंसे हुए प्रोजेक्ट के खरीदार को घर मिल पाने का रास्ता साफ हो पाएगा।


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