प्राधिकरण एलएआर पर गबन का आरोप, निलंबित
जागरण संवाददाता नोएडा जमीन अधिग्रहण के एवज में गलत तरीके से मुआवजा बांटकर प्राधिकर
जागरण संवाददाता, नोएडा :
जमीन अधिग्रहण के एवज में गलत तरीके से मुआवजा बांटकर प्राधिकरण को करोड़ों रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले विधि अधिकारी विरेंद्र सिंह नागर को प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने निलंबित कर दिया है। प्रकरण की जांच औद्योगिक विभाग में तैनात विशेष कार्याधिकारी को सौंप दी है। हालांकि प्राधिकरण में तैनात एलएआर विरेंद्र सिंह नागर का कहना है कि किसान मुआवजा मामले पर इस प्रकार से अतिरिक्त भुगतान होना कोई नई बात नहीं है, इसमें किसानों से शपथ पत्र लिया जाता है। यदि अतिरिक्त भुगतान हो गया है तो उसको वापस लिया जाने का प्रावधान है।
प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि यह मामला चार से पांच वर्ष पुराना है। अतिरिक्त मुआवजा देने में एलएआर की गलती को प्राधिकरण सीएलए ने पकड़ा है। जिसकी रिपोर्ट तैयार कर प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पास भेजा गया। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि चार से पांच साल पहले एक गांव के किसानों को जमीन अधिग्रहण के एवज में मुआवजा दिया जाना था। इसको लेकर किसान जिला अदालत चले गए। वहां प्राधिकरण के पक्ष में फैसला आया, इसके बावजूद नियमों को ताक पर रख एलएआर ने किसानों को मुआवजा दिला दिया। ऐसा दो प्रकरण में हुआ है। जिसमें किसानों को करीब आठ करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दिलाया गया है। इसलिए प्रथम ²ष्टया एलएआर को गबन का दोषी माना है। इसके बाद तत्काल प्रभाव से मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने एलएआर को निलंबित कर दिया। प्राथमिक जांच अधिकारी औद्योगिक विभाग में तैनात विशेष कार्याधिकारी को नियुक्त कर दिया है।