कानूनी पेशा समाज सेवा के लिए है : एनवी रमना
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा के नालेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय में आयो
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा के नालेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय में आयोजित जीवंत सभा का हिस्सा बनकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं इन सभी युवा व उत्साही चेहरों को देखकर बेहद खुश हूं। कानूनी पेशा मुनाफा कमाने के लिए नहीं बल्कि समाज सेवा के लिए है। ये बातें सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम लीगल सर्विस डे पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहीं।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था, पीछे मत देखो, आगे देखो। अनंत उत्साह, अनंत साहस और अनंत धैर्य से ही बड़े लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। 1995 में आज ही के दिन कानूनी सहायता की अवधारणा को संस्थागत रूप दिया गया था। वास्तविक कानूनी सहायता का क्षण हमारी स्वतंत्रता से बहुत पहले शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में विधि के युवा छात्रों को देखकर बहुत खुशी हो रही है, जिन्होंने कानूनी सेवा अधिकारियों द्वारा आयोजित मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं में उत्साह से हिस्सा लिया है। ईमानदारी से महसूस करता हूं कि आप सभी को दोगुना विशेषाधिकार प्राप्त हैं। सबसे पहले, आपको देश के प्रमुख संस्थानों में शिक्षित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि वह केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू के कानूनी सेवा प्राधिकरणों की प्रगति के प्रति व्यक्तिगत झुकाव को देखकर बहुत खुश हैं। भारत सरकार ने समय पर जजों की नियुक्ति की है। इससे लोगों के लिए न्याय सुलभ हुआ है। रिजिजू ने समारोह को संबोधित करते हुए जजों के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर की जा रही आपत्तिजनक टिप्पणियों पर चिता व्यक्त की। कार्यक्रम में इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिदल ने कहा कि जनपद न्यायालयों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। हर जिले में डोर टू डोर वैन भेज कर लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। कार्यक्रम के अंत में शारदा विवि के चांसलर पीके गुप्ता ने सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एनपी रमना को सम्मानित किया। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उदय उमेश ललित, इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस एमएन भंडारी, गौतमबुद्ध नगर के जिला जज अशोक कुमार सप्तम सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।