प्रधानों का कार्यकाल पूरा होने से पहले तैनात किए जाएंगे प्रशासक
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लोकतंत्र का महत्वपूर्ण महोत्सव माना जाता है। लोकतंत्र के इस महोत्सव को भी कोरोना की नजर लग गई है। कोरोना के चलते त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समय पर नहीं होंगे।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लोकतंत्र का महत्वपूर्ण महोत्सव माना जाता है। लोकतंत्र के इस महोत्सव को भी कोरोना की नजर लग गई है। कोरोना के चलते त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समय पर नहीं होंगे। कोविड-19 की वजह चुनाव कराने को लेकर पेच फंस गया है। शासन ने प्रधानों का कार्यकाल पूरा होने से पहले ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त करने को कहा है। यदि ऐसा हुआ तो प्रशासक के तौर पर ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी सहायक विकास अधिकारियों की होगी।
सूत्रों की माने तो चुनाव मार्च-अप्रैल 2021 में होने की संभावना है। दरअसल अक्टूबर में प्रधानों का कार्यकाल पूरा हो रहा है, लेकिन कोरोना की वजह से अक्टूबर में चुनाव होने के आसार नहीं हैं। जिले में तीन दिन पहले आए पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी अधिकारियों को इसके संकेत दिए हैं।
दूसरी तरफ पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में चुनावी समीकरण सधने लगे हैं। हालांकि सूबे में जिले की स्थिति थोड़ी अलग है। यहां जिला पंचायत की कमान पहले से ही जिलाधिकारी के हाथों में है। प्रदेश के जनपदों में अक्टूबर 2015 तक चुनाव हो गए थे, लेकिन जिले में 2016 में हुआ था। जिले की ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त करने को लेकर प्रशासन भी असमंजस में है। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक शासन से इस संदर्भ में दिशा-निर्देश मांगा जाएगा। जिले में मात्र 88 ग्राम पंचायतें शेष हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर शासन से कोई दिशा-निर्देश अभी प्राप्त नहीं हुआ है। शासन का जो भी आदेश होगा, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-कुंवर सिंह यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी