संशोधित::::आबकारी के संरक्षण में चल रहे अवैध कोरियन बार का भंडाफोड़
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा बीटा दो कोतवाली पुलिस ने कोरियन रेस्टोरेंट कू हाउस की आड़ में चल रहे अवैध बार का भंडाफोड़ किया है। सूत्रों का दावा है कि आबकारी विभाग के संरक्षण में अवैध कोरियन बार चल रहा था। कोरिया के नागरिक द्वारा चलाए जा रहे अवैध बार में सिर्फ कोरिया और चीनी नागरिकों को ही प्रवेश की अनुमति थी जबकि भारतीय नागरिकों का प्रवेश वर्जित था।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : बीटा दो कोतवाली पुलिस ने कोरियन रेस्टोरेंट कू हाउस की आड़ में चल रहे अवैध बार का भंडाफोड़ किया है। सूत्रों का दावा है कि आबकारी विभाग के संरक्षण में अवैध कोरियन बार चल रहा था। कोरिया के नागरिक द्वारा चलाए जा रहे अवैध बार में सिर्फ कोरिया और चीनी नागरिकों को ही प्रवेश की अनुमति थी, जबकि भारतीय नागरिकों का प्रवेश वर्जित था। ग्रेटर नोएडा के घरबरा गांव में चल रहे चीनी नागरिकों के अवैध अड्डे का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि विदेशी नागरिकों के एक और अवैध अड्डे का पर्दाफाश हो गया है। पुलिस ने मौके से रेस्टोरेंट संचालक विदेशी नागरिक समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। मौके से 14 पेटी यानी 150 बोतल से अधिक बीयर बरामद हुई है।
पुलिस को बृहस्पतिवार देर रात सूचना मिली कि चाइ तीन सेक्टर में रेस्टोरेंट की आड़ में कोरियन व्यक्ति अवैध रूप से बार परोस रहा है। चीनी नागरिक समेत कई अन्य देश के विदेशी नागरिकों को अवैध बार में बार परोसी जा रही है। सूचना पर पुलिस ने छापेमारी की। रेस्टोरेंट की आड़ में अवैध रूप से कोरियन बार चलता मिला। मौके से कोरिया के रहने वाले रेस्टोरेंट मालिक सांगशू व उसके भारतीय सहयोगी नन्हे यादव निवासी गोरखपुर को गिरफ्तार किया गया है। बरामद बीयर की पेटियों में कुछ कोरिया देश की भी बीयर है। आबकारी के शह से शराब माफिया बेखौफ: गौतमबुद्धनगर में आबकारी विभाग की शह शराब माफियाओं को मिली है। यही कारण है कि एक के बाद एक शराब के अवैध अड्डों का पर्दाफाश हो रहा है। घरबरा गांव में पकड़े गए चीनी नागरिकों के अवैध अड्डे को पांच महीने में आबकारी विभाग ने करीब 70 बार लाइसेंस दिया। आवेदन आनलाइन किया गया था। अड्डे पर पूरी-पूरी रात विदेशी नागरिकों को शराब परोसी जाती थी, जबकि लाइसेंस 12 बजे तक का ही होता था। ऐसे में सवाल यह है कि क्या आबकारी विभाग बिना सत्यापन के ही लाइसेंस दे देता है। कभी मौके पर जाकर जांच नहीं की जाती है। दो साल से चल रहा था अवैध बार : जांच में पता चला है कि कोरियन बार पिछले दो साल से अवैध रूप से आबकारी विभाग के संरक्षण में चल रहा था। हैरानी की बात ये है कि चीनी नागरिकों के अड्डे के पकड़े जाने के बाद भी यह अड्डा बंद नहीं हुआ और ऐसे ही चलता रहा।
किराए पर ली हुई थी बिल्डिंग : कोरियन व्यक्ति ने अवैध बार चलाने के लिए तीन मंजिल की बिल्डिंग किराए पर ली हुई थी। कू हाउस में रूकने की भी व्यवस्था थी। एक दिन का सात से आठ हजार रुपये रूकने का लिया जाता था। वर्जन.. अवैध रूप से बार चलने की सूचना मिली थी। छापेमारी कर कार्रवाई की गई है। अभियान आगे भी जारी रहेगा।
-विशाल पांडेय, एडिशनल डीसीपी, ग्रेटर नोएडा
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अगर अवैध रूप से बार चलने की जानकारी होती तो पकड़ न लेते। जानकारी नहीं हो सकी, इसीलिए नहीं पकड़ा गया।
-राकेश बहादुर सिंह, जिला आबकारी अधिकारी।