प्लाज्मा थेरेपी से स्वस्थ हुए 90 फीसद मरीज
कोरोना संक्रमितों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित हो रही है। चाइल्ड पीजीआइ से मिले प्लाज्मा के बाद करीब 90 फीसद कोरोना संक्रमित स्वस्थ होकर घर पहुंचे हैं।
मोहम्मद बिलाल, नोएडा :
कोरोना संक्रमितों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित हो रही है। चाइल्ड पीजीआइ से मिले प्लाज्मा के बाद करीब 90 फीसद कोरोना संक्रमित स्वस्थ होकर घर पहुंचे हैं। यह मरीज दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती थे।
बकौल ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ.सत्यम अरोरा, चाइल्ड पीजीआइ से 45 कोरोना संक्रमितों को प्लाज्मा दिया गया। 40 संक्रमित प्लाज्मा चढ़ाने के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। प्लाज्मा दान के लिए आने वाले व्यक्ति की पहले कई जांच होती हैं। सब ठीक मिलने पर व्यक्ति को प्लाज्मा देने के लिए ब्लड बैंक बुलाया जाता है। 45 मिनट की प्रोसेसिग में प्लाज्मा निकाला जाता है। जिस दिन कोई व्यक्ति संक्रमित आया, उसके 40 दिन बाद वह प्लाज्मा दान कर सकता है। संक्रमित के पूरी तरह से स्वस्थ होने और एंटीबॉडी बनने के बाद प्लाज्मा लिया जाता है।
डॉ.बीपी सिंह ने बताया कि अस्पताल से अब तक 500 से अधिक लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं, लेकिन प्लाज्मा दान करने वालों की संख्या सिर्फ 51 है। जो लोग कोरोना संक्रमण से जिदगी-मौत के बीच जूझ रहे हैं, वे प्लाज्मा के गुहार लगा रहे हैं। जिले में 1500 सक्रिय मामले :
जिले में वर्तमान में 1500 से अधिक कोरोना संक्रमित मामले हैं। कोरोना संक्रमण को हरा चुका एक व्यक्ति दो लोगों को जिदगी दे सकता है। स्वस्थ हुआ व्यक्ति जब प्लाज्मा दान करता है, तो उसके शरीर से दो यूनिट प्लाज्मा लिया जाता है। कोरोना मरीज को एक यूनिट प्लाज्मा दिया जाता है, जिससे वह तेजी से रिकवर होता है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, यदि पांच में से एक व्यक्ति भी प्लाज्मा दान करता है, तो कोरोना का इलाज ले रहे मरीजों की जान बचाई जा सकती है।