जिले में बिना पंजीकरण चल रहे 403 निजी अस्पताल
जिले में निजी अस्पतालों की मनमानी बदस्तूर जारी है। तमाम कायदे-कानून को ताक पर रखकर बिना पंजीकरण अस्पतालों का संचालन हो रहा है।
जागरण संवाददाता, नोएडा :
जिले में निजी अस्पतालों की मनमानी बदस्तूर जारी है। तमाम कायदे-कानून को ताक पर रखकर बिना पंजीकरण अस्पतालों का संचालन हो रहा है। कुल 470 अस्पतालों में सिर्फ 67 ने ही अब तक विभाग में आवेदन किया है, जबकि अन्य 403 बिना पंजीकरण चल रहे हैं। उधर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी निजी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचकते दिख रहे हैं।
शासनादेश के अनुसार, हर वर्ष 31 मार्च तक निजी अस्पतालों को पंजीकरण व नवीनीकरण कराना पड़ता है। इस बार कोरोना महामारी से शासन ने इस अवधि को बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया है। इसके बावजूद निजी अस्पताल अब भी नवीनीकरण और पंजीकरण कराने में आनाकानी व मनमानी कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.दीपक ओहरी के कार्रवाई की चेतावनी के साथ ही जल्द नवीनीकरण व पंजीकरण कराने के लिए सभी अस्पतालों को स्पष्ट आदेश दिया हैं, लेकिन ये आदेश भी बेअसर होता दिख रहा है। हालांकि शुक्रवार को आइएमए अध्यक्ष डॉ.एनके शर्मा ने सीएमओ से मिलकर समय अवधि को दोबारा 31 मार्च तक करने की मांग की है। उन्होंने शासन को भी इस संबंध में पत्र लिखा है। विभागीय स्तर पर भी लापरवाही:
मामले में गौर करें, तो अस्पतालों के नवीनीकरण व पंजीकरण में सिर्फ निजी अस्पताल ही लापरवाह नहीं है, विभागीय स्तर पर भी खूब लापरवाही बरती जा रही है। अब तक जिन 67 अस्पतालों ने विभाग में आवेदन किया है, उनका पंजीकरण व नवीनीकरण की फाइल आगे नहीं सरकी है। इससे नियम के अनुसार काम करने वाले संचालकों में आक्रोश है। वर्जन..
आइएमएस अध्यक्ष से समय अवधि बढ़ाने की मांग की है। इस संबंध में फैसला शासन स्तर से होना है। शासन का जो भी आदेश होगा, उसके अनुसार काम होगा। विभाग में कहां लापरवाही हो रही है, इसकी जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
-डॉ. दीपक ओहरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी