ग्रेटर नोएडा में बनेंगे 30 सार्वजनिक शौचालय, 11 होंगे पिक
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण 30 सार्वजनिक शौचालय का निर्माण क
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण 30 सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करेगा। इसमें 11 शौचालय पिक होंगे। इन्हें महिलाओं की जरूरत के हिसाब से बनाया जाएगा। पिक शौचालय में सेनेटरी पैड नष्ट करने की मशीन के साथ लिक्विड साबुन, टिशु पेपर आदि की व्यवस्था होगी। कूड़ा निस्तारण की विकेंद्रीकृत व्यवस्था के लिए 18 कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इनके प्रस्तावों की जांच के बाद अंतिम रूप से कंपनी का चयन किया जाएगा। सीईओ नरेंद्र भूषण ने शहर को स्वच्छता रैंकिग में शामिल कराने के लिए शुरू किए गए कार्यों की शुक्रवार को समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देश दिए।
ग्रेटर नोएडा में बस शेल्टर पर सार्वजनिक शौचालय बने हैं। प्राधिकरण शहर में तीस और सार्वजनिक शौचालय बनाने जा रहा है। इससे लोगों को सहूलियत होगी। इसमें खास बात यह है कि 11 शौचालय महिलाओं के लिए समर्पित होंगे। वहीं 19 शौचालय सामान्य होंगे। शौचालय निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगाने की प्रक्रिया एक सप्ताह में शुरू होगी।
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पांच क्लस्टर के लिए 18 कंपनियों ने दिए प्रस्ताव
प्राधिकरण शहर में कूड़ा निस्तारण की विकेंद्रीकृत व्यवस्था लागू करने जा रहा है। अल्फा, बीटा, गामा, ईंटा, डेल्टा, म्यू, जू, सिग्मा, स्वर्ण नगरी आदि सेक्टर व इनके आस-पास के गांवों को शामिल करते हुए पांच क्लस्टर बनाए गए हैं। इनका कूड़ा क्लस्टर में ही निस्तारित किया जाएगा। इसके लिए मैटेरियल रिकवरी फैसेलिटी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। प्रत्येक क्लस्टर में आठ से दस हजार घर होंगे। इसमें पंद्रह से बीस टन कूड़ा प्रतिदिन निकलेगा। कूड़ा प्रबंधन के लिए 18 कंपनियों ने रुचि दिखाई है। उनके प्रस्तावों का प्राधिकरण अधिकारी परीक्षण कर रहे हैं। वहीं लखनावली गांव के समीप डाले जा रहे कूड़े से भी लोगों को निजात मिलेगी। कूड़े को प्रोसेस कर निस्तारित किया जाएगा। प्राधिकरण इसके लिए 45 दिन में कंपनी का चयन कर लेगा।
वहीं शहर मलबे को निस्तारित करने की योजना भी तैयार हो चुकी है। शहर भर से मलबा लाकर उसे ईकोटेक तीन क्षेत्र में एकत्र कर प्रोसेस किया जाएगा। इससे टाइल्स, ईंट निर्माण व गड्ढों को भरा जाएगा। आइआइटी रुड़की से इसकी योजना तैयार कराई गई है। शहर को स्वच्छ बनाने के लिए प्राधिकरण कई कदम उठा रहा है। सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएंगे। कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था विकेंद्रीकृत की जा रही है।
नरेंद्र भूषण, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण