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प्रदेश की जेलों में तैयार 27 लाख मास्क की विदेशों में भी चर्चा-आनंद

े जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा यह सिस्टम की विडंबना है कि जेल में विचाराधीन बंदियों की

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 09:11 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 09:11 PM (IST)
प्रदेश की जेलों में तैयार 27 लाख मास्क की विदेशों में भी चर्चा-आनंद
प्रदेश की जेलों में तैयार 27 लाख मास्क की विदेशों में भी चर्चा-आनंद

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जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: यह सिस्टम की विडंबना है कि जेल में विचाराधीन बंदियों की संख्या काफी अधिक है। केस की सुनवाई पूरी होने पर जब वे निर्दोष साबित होते हैं तो उनका काफी समय जेल में बीत चुका होता है। जिसे वापस नहीं लौटाया जा सकता। यह बात सोमवार को पुलिस महानिदेशक कारागार आनंद कुमार ने कही। वह लुक्सर गांव स्थित गौतमबुद्ध नगर जिला कारागार में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए और हेलो फरमाइश में पूछे गए बंदियों के सवालों के जवाब दिए।

एक सवाल के जवाब में कहा कि जेल सुधार गृह है। यहां बंदी अपराध बोध से मुक्त होकर आम नागरिक की भांति रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जेलों में कोरोना काल के दौरान 27 लाख से अधिक मास्क तैयार किए गए। यह देश ही नहीं विदेशों में भी चर्चा का विषय रहा। बंदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए मुलाकात की प्रक्रिया बंद की गई है। बंदियों को फोन से परिजन से बात करने की सुविधा दी गई। सब कुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष फरवरी में मुलाकात की प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाएगी।

स्वयंसेवी संस्था आर्ट क्रिएशन कल्चरल सोसायटी ने सोमवार को जेल परिसर में आयोजित रियलिटी शो अद्भुत कलाकार बिहाइंड द बार का आयोजन किया। संस्था ने जेल में कुछ सप्ताह पहले बंदियों का ऑडीशन लेकर अभ्यास कराया था। डांस, गायन सहित अन्य क्षेत्र में 250 से अधिक बंदियों ने अपनी प्रस्तुति दी थी। सोमवार को सेमी फाइनल मुकाबले का आयोजन किया गया। विभिन्न क्षेत्र में बंदियों ने शानदार प्रस्तुति दी। विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने तालियां बजाकर बंदियों का उत्साहवर्धन किया। श्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर 68 बंदियों को फाइनल मुकाबले के लिए चुना गया। मुकाबले की तिथि जल्द निर्धारित होगी। तब तक संस्था के द्वारा चुने हुए बंदियों को और अभ्यास कराया जाएगा। कारागार प्रशासन की प्रस्तावित त्रिमासिक पत्रिका सलाखों की स्याही के पहले कवर पेज का भी विमोचन किया गया। ड्राप बाई ड्राप संस्था के द्वारा गरीब बंदियों को चप्पल, जूते व कपड़े वितरित किए गए। मैसर्स एजी इंटर प्राइजेज ने बंदियों को मास्क बनाने का प्रशिक्षण देने के साथ ही आर्डर भी दिए। प्रशिक्षण प्राप्त बंदियों ने स्वयं द्वारा तैयार पलंग, चारपाई, स्टूल आदि को प्रदर्शित किया। एडीशनल सीपी श्रीपर्णा गांगुली, लव कुमार, डीसीपी राजेश कुमार सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुशील कुमार, जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा, जेलर सत्य प्रकाश सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।


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