युवाओं ने फिटनेस का साइकिलिग को बनाया हथियार
आज की भागदौड़ भरी जिदगी में अपने आप को स्वस्थ और फिट रखना थोड़ा मुश्किल है पर ये बेहद जरूरी है क्योंकि अगर हम फिट रहेंगे तभी भाग और दौड़ सकते हैं और अगर फिट रहेंगे तभी स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते है इसलिए जीवन में फिट रहना सबसे बड़ा पहलू हैं। युवा वर्ग एक ओर जहां फिटनेस के लिए दौड़ व्यायाम कुश्ती आदि करते है वहीं शहर के कुछ युवाओं ने फिटनेस के लिए साइकिलिग को अपना हथियार बनाया है और प्रतिदिन तीन घंटे साइकिल चलाने के बाद अपने अपने काम में जुट जाते है।
मुजफ्फरनगर जेएनएन। आज की भागदौड़ भरी जिदगी में अपने आप को स्वस्थ और फिट रखना थोड़ा मुश्किल है पर ये बेहद जरूरी है क्योंकि अगर हम फिट रहेंगे तभी भाग और दौड़ सकते हैं और अगर फिट रहेंगे तभी स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते है इसलिए जीवन में फिट रहना सबसे बड़ा पहलू हैं। युवा वर्ग एक ओर जहां फिटनेस के लिए दौड़, व्यायाम, कुश्ती आदि करते है वहीं, शहर के कुछ युवाओं ने फिटनेस के लिए साइकिलिग को अपना हथियार बनाया है और प्रतिदिन तीन घंटे साइकिल चलाने के बाद अपने अपने काम में जुट जाते है।
शहर के मोहल्ला रामपुरम निवासी यूथ लीडर अक्षित शर्मा ने अपने मोहल्ले के राघव बजाज, विजय रावत, शौर्य मलिक, वेदांत अरोरा, अभिषेक ग्रोवर, उज्जवल, ध्रुव शर्मा मनप्रीत, अमित समेत दस युवाओं ने दि पैडल डैमोंस नाम से एक क्लब बनाया है। जिन्होंने शरीर को फिट रखने के लिए दौड़, दंड-बैठक, कुश्ती, सैर, जिम्नास्टिक, क्रिकेट, टेनिस, हॉकी आदि खेलों व्यायाम करने के बजाय साइकिलिग को अपना हथियार बनाया है। प्रतिदिन तीन घंटे चलाते है साइकिल
युवा दल रोजाना सुबह साढ़े पांच बजे जानसठ बस स्टैंड पर एकत्रित होते है और अपनी अपनी साइकिल से युवाओं की टोली निकल पड़ती है। साढ़े आठ व नौ बजे तक साइकिलिग करते हुए लौट आते है और अपने अपने काम में जुट जाते है। 60 से 70 किलोमीटर की दूरी करते तय युवा दल एक दिन में 60 से 70 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय करने लगे है, जिसके लिए रोजाना रूट बदला जाता है। जानसठ बस स्टैंड से शुकतीर्थ, खतौली, जानसठ, गंग नहर पटरी, पुरकाजी, शुकतीर्थ आदि मार्ग निर्धारित किया गया है। इन्होंने कहा .
शरीर को फिट रखने, वजन कम करने व हार्ट के लिए साइकिलिग बहुत ही लाभदायक है। साइकिल चलाने में भी व्यक्ति का पूरे शरीर की अभ्यास होता है। -डा. अर्जुन सिंह, प्रभारी चिकित्साधिकारी, पीएचसी-मोरना ---
-रोहिताश्व कुमार वर्मा