कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस हादसे के बाद तेजी से हुआ लाइन बिछाने का काम
कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के डिब्बों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए कई घंटे भीड़ और सरकारी अमला मेहनत करता रहे।
By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 20 Aug 2017 10:34 PM (IST)Updated: Sun, 20 Aug 2017 10:34 PM (IST)
मुजफ्फरनगर (जेएनएन)। कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के डिब्बों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए कई घंटे भीड़ और सरकारी अमला मेहनत करता रहे। आधी रात के बाद जब सभी आश्वस्त हो गए कि मलबे में कोई और दबा नहीं है तो मेरठ-सहारनपुर रेल मार्ग को सुचारु करने की दिशा में गंभीरता से विचार शुरू हो गया। शनिवार रात डेढ़ बजे रिलीफ ट्रेन पहुंचने के बाद काम को गति मिली। लेकिन असली काम सुबह सूरज निकलने के बाद शुरू हुआ। रविवार दिन भर हजारों की संख्या में लोग घटनास्थल पर जुटे रहे। राहत व बचाव कार्य जितनी तेजी से हुआ उतनी तेजी से नयी लाइन बिछाने में अमला जुटा रहा।
रविवार को ऐसा रहा मंजर
- 6.00 बजे : सभी उपकरण और दो क्रेन जुटाने के बाद पटरी पर गिरे डिब्बों को उठाने का काम शुरू हुआ। सबसे पहले खतौली की ओर से बी-1 डिब्बा हटाया गया। साथ ही मुजफ्फरनगर की ओर से एस-8 को हटाया गया।
- 7.00 बजे : हजारों की भीड़ जुट गई थी। आसपास के घरों के छत, दीवारें सभी पर लोग टंग गए थे। दो डिब्बे हटाए जाने के बाद तेजी से ट्रैक उखाडऩे के काम में तीन टीमें जुटीं। अफसरों ने मुआयना कर तय किया कि 330 मीटर ट्रैक उखाड़कर नए सिरे से बिछाया जाएगा। इसके लिए नई पटरियां, स्लीपर, कपलिंग मंगा लिए गए। आरपीएसएफ के जवानों और पुलिस ने पूरे ट्रैक की घेराबंदी कर लोगों की पीछे खदेडऩा शुरू किया।
- 8.45 बजे : ट्रैक उखाड़कर नए स्लीपर बिछाने का काम शुरू हुआ औरडीआरएम आरके सिंह, आइजी रेल, एडीजी जीआरपी आदि ने पूरे ट्रैक का मुआयना किया।
- 10.15 बजे: केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान मुजफ्फरनगर विधायक कपिल देव अग्रवाल के साथ पहुंचे। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और रेलवे को क्लीन चिट दी। बोले मुजफ्फरनगर से खतौली आने में अधिकारियों को आधा घंटा तो लगेगा ही। रेलवे की लापरवाही पर जनता के सवालों और नाराजगी पर बोले, जांच से पहले कुछ भी बोलना ठीक नहीं।
- 11.45 बजे: एस-6 कोच हट चुका है। यह पूरी तरह से उलट चुका था। सबसे ज्यादा इसी में कैजुअल्टी हुई थी। इस बीच ओडिशा के विधायक रबि नारायन नाइक भी मौके पर पहुंचे। एनडीआरएफ के जवानों ने अंतिम अभियान चलाया।
- 13.15 बजे : सुबह से चल रहे काम के बाद लोगों को भी लगने लगा है कि रात तक काम पूरा हो जाएगा। पांच डिब्बे छोड़कर सभी बाकी सभी हटा लिए गए हैं। एक बोगी को हटाने के दौरान ठोकर टूट गई, क्रेन से छूटकर डिब्बा हवा में उछल गया। शुक्र रहा, कोई घायल नहीं हुआ।
- 16.30 बजे: रेल दुर्घटना प्रकरण में पहली एफआइआर दर्ज।
- 17.25 बजे: सभी डिब्बे हटा लिए गए हैं। रेल पटरी बिछाने और कपलिंग लगाने का काम अंतिम चरण में। अब भी लोगों की भीड़ जुटी हुई है।
- 19.00 बजे: पटरी बिछाने और उसे दुरुस्त करने का काम पूरा। स्थानीय लोगों की जो टीम सुबह में पानी से चाय पिलाने में व्यस्त दिख रही थी, वही अब मोर्चे पर है। हिंदू-मुस्लिम सब साथ मिलकर मदद में जुटे हैं।
- 20.00 बजे: बिजली के खंभे ठीक किए जा रहे हैं। तारों को जोडऩे का काम शुरू हो गया। ओएच वायर जोड़ा जा रहा है।
- 21.25 बजे: मौके पर तेजी से सूचना फैल रही है, रेलवे के कई छोटे-बड़े अधिकारी नप गए। बड़ी कार्रवाई को लेकर अब भी संशय है।
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