जिला महिला अस्पताल में महिला आयोग सदस्य का निरीक्षण
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य ने गुरुवार को जिला महिला अस्पताल और वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई को लेकर सीएमएस को निर्देश दिए।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य ने गुरुवार को जिला महिला अस्पताल और वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई को लेकर सीएमएस को निर्देश दिए। वहीं वन स्टॉप सेंटर से निस्तारित किए गए मामलों की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने सिचांई विभाग के डाक बंगले पर पहुंचकर पीड़ित महिलाओं की समस्याएं सुनकर पुलिस और संबंधित अधिकारियों को मदद करने के निर्देश भी दिए।
गुरुवार को प्रदेश महिला आयोग की सदस्य राखी त्यागी मुजफ्फरनगर पहुंची। जनपद में पहुंचते ही उन्होंने स्थानीय भाजपा नेता वैभव त्यागी सहित अन्य नेताओं के साथ जिला महिला अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल के भवन की साफ-सफाई सहित महिलाओं को मिलने वाली सभी व्यवस्थाओं को परखा। महिला मरीजों से बात करते हुए उनसे वहां मिलने वाली सुविधाएं जानने की कोशिश की गई। निरीक्षण के दौरान मौजूद महिला अस्पताल की सीएमएस डा. अमृता भांभे को निर्देश दिए कि अस्पताल में मरीजों को सभी सुविधा देने के साथ साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि संक्रमण से होने वाली बीमारी के मरीजों को बचाने के साथ अस्पताल भी साफ दिखे। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल परिसर में चल रहे वन स्टॉप सेंटर का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी मौहम्मद मुश्फेकिन और केंद्र प्रभारी नीरू रानी से कार्याें का ब्यौरा मांगा। इस दौरान उन्होंने केंद्र पर महिलाओं और बालिकाओं को रखने की व्यवस्था, रसेाई आदि का निरीक्षण किया। वहीं केस वर्करों से अब तक के सभी केस की विस्तार से जानकारी ली। सदस्य राखी त्यागी को 2017 से अब तक 729 केस के बारे में जानकारी दी गई, जिन्हें केंद्र के सहयोग से परिजनों या सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
डाक बंगले पर सुनी समस्याएं
प्रदेश महिला आयोग सदस्य राखी त्यागी ने सिचाई विभाग के डाक बंगले पर पीड़ित महिलाओं की समस्याएं सुनी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समस्याएं सुनने बैठी सदस्य के सामने घरेलु हिसा, उत्पीड़न सहित अन्य मामले पहुंचे। उन्होंने पीड़ितों को न्याय का भरोसा दिया गया। वहीं संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए गए। महिला आयोग सदस्या के समक्ष करीब 12 पीड़ित महिलाओं के मामले पहुंचे।