मौसम ने फिर बदली करवट, बूंदाबांदी से ठिठुरन बढ़ी
मौसम ने एक बार फिर करवट बदल ली है। कई बार रुक-रुककर हुई बूंदाबांदी से दिन के तापमान में गिरावट आ गई जिससे ठिठुरन बढ़ने से लोग पूरे दिन गर्म व ऊनी कपड़ों में लिपटे रहे। बादलों के चलते भगवान भास्कर के भी दर्शन नहीं हो सके। बूंदाबांदी से कोल्हू उद्योग पर संकट मंडराने के आसार हो रहे हैं। ईधन गीला होने से गुड़ उत्पादन का कार्य प्रभावित हो गया है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। मौसम ने एक बार फिर करवट बदल ली है। कई बार रुक-रुककर हुई बूंदाबांदी से दिन के तापमान में गिरावट आ गई, जिससे ठिठुरन बढ़ने से लोग पूरे दिन गर्म व ऊनी कपड़ों में लिपटे रहे। बादलों के चलते भगवान भास्कर के भी दर्शन नहीं हो सके। बूंदाबांदी से कोल्हू उद्योग पर संकट मंडराने के आसार हो रहे हैं। ईधन गीला होने से गुड़ उत्पादन का कार्य प्रभावित हो गया है।
मौसम का मिजाज आए दिन बदल रहा है। बुधवार की रात में बादल छाए रहे। गुरुवार की तड़के करीब चार बजे बूंदाबांदी शुरू हो गई थी, जो दिन में रुक-रुककर कई बार हुई। सुबह करीब सात बजे बूंदाबांदी बंद हुई तो घना कोहरा छा गया। कोहरा सुबह करीब नौ बजे तक छंट सका। घने कोहरे में यात्रियों व वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दिन में घने बादल छाने तथा कई बार रुक-रुककर बूंदाबांदी होने से ठिठुरन बढ़ गई है। गर्म व ऊनी कपड़े पहनने के बाद भी लोगों को ठंड से राहत नहीं मिल पा रही थी। घरों में हीटर, वार्मर, गैस बर्नर, अंगीठी, लकड़ी, उपले आदि जलाकर ठंड से बचने का प्रयास किया जा रहा था। कड़ाके की ठंड के चलते लोग घरों में दुबकने को मजबूर रहे। जरूरी कार्यो से ही घरों से बाहर निकल सके। बूंदाबांदी से कोल्हू क्रेशर फिर बंद होने के कगार पर पहुंच गए। ईधन गीला होने से गुड़ उत्पादन प्रभावित होने लगा है। एक पखवाड़े से ठीक से सूर्यदेव के दर्शन नहीं होने से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भीषण ठंड में बाजार बेरौनक हो गए हैं। कृषि वैज्ञानिक गेहूं के लिए मौसम को अनुकूल मान रहे हैं। अन्य फसलों के लिए भी अभी कोई खास नुकसान नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को अधिकतम तापमान 14.1 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस रहा। बारिश 2.8 मिमी. रिकार्ड की गई। मौसम विभाग ने शुक्रवार व शनिवार को भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है।
बूंदाबांदी के बाद मौसम हुआ सर्द
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। खतौली में गुरुवार की सुबह हुई बूंदाबांदी से ठंड का प्रकोप बढ़ गया। मौसम और सर्द हो गया। बर्फीली हवा ने लोगों को ठिठुरा डाला। गर्म कपड़े पहनने के बाद भी लोगों को ठंड से राहत नहीं मिली। अधिकतर लोग ठिठुरन के कारण घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। लोग गर्म कपड़े पहनकर घर से बाहर निकले। कड़ाके की ठंड से सरकारी दफ्तरों में भी सन्नाटा पसारा रहा। दिनभर सूरज ठंड की चादर में सिकुड़ा रहा। सूर्यदेव के दर्शन नहीं होने से जनजीवन प्रभावित रहा। कड़ी ठंड के बीच आमजन जरूरी कामों को लेकर ही घरों से बाहर निकले। घरों से बाहर निकले लोग जल्दी ही काम निपटाकर लौट गए। इसी वजह से सड़कों पर चहल-पहल कम रही। सड़कों पर यातायात की चाल भी थमी-थमी से दिखाई दी। सड़कों और वाहनों में भी लोग कम दिखाई दिए। लोगों ने अपने घरों और दुकानदार अपनी दुकानों पर अंगीठी या अलाव जलाकर तापते दिखाई दिए। सर्द हवा से लोगों को ठंड महसूस हुई।
बूंदाबांदी से बढ़ी ठिठुरन
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। पुरकाजी में दिनभर हुई बूंदाबांदी ने मौसम में ठिठुरन बढ़ा दी। जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। जनवरी की शुरुआत से ही बारिश, कोहरा और कड़ाके की ठंड है। दो दिन से धूप के चलते लोगों को कुछ राहत मिलती दिखी थी। गुरुवार सुबह कुछ देर के लिए धूप निकली, लेकिन थोड़ी देर बाद ही बादल छा गए और बूंदाबांदी शुरू हो गई, जिससे ठिठुरन बढ़ गई। लोग घरों में घुस गए। आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।