राजमार्ग पर अकर्मण्यता का तालाब
दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर अकर्मण्यता का तालाब बन गया है। इसके चलते सफर दुश्वारियों भरा हो चुका है। मामूली बरसात में नेशनल हाईवे तालाब में तब्दील हो रहा है।
मुजफ्फरनगर,जेएनएन : दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर अकर्मण्यता का तालाब बन गया है। इसके चलते सफर दुश्वारियों भरा हो चुका है। मामूली बरसात में नेशनल हाईवे तालाब में तब्दील हो रहा है। घासीपुरा क्षेत्र में हाईवे पर दोनों तरफ 500 मीटर तक जलभराव हो रहा है। इससे वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। यहां जाम के हालत बन रहे है। एनएचएआइ के अधिकारियों ने मामले पर चुप्पी साध रखी है। यातयात के साथ क्षेत्र के लोगों को भी आवागमन में परेशानी खड़ी हो गई है।
दिल्ली से देहरादून तक सफर को सुहाना बनाने के लिए नेशनल हाईवे-58 का चौड़ीकरण कर फोरलेन बनाया गया। इस हाईवे पर भंगेला, भैंसी कट के निकट फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है। अब हाईवे का सफर मुसीबतों से कम नहीं है। मंसूरपुर क्षेत्र में एक ओर हाईवे पर कच्ची मिट्टी, रोडी, डस्ट की कीचड़ हो रही है। यहां शीरे के टैंकर आदि खड़े होने से इसकी सूरत बिगड़ गई है। इसके साथ ही घासीपुरा क्षेत्र में नेशनल हाईवे तालाब बन गया है। बुधवार आधी रात को हुई बारिश के कारण हाईवे पर करीब 500 मीटर तक दोनों तरफ जलभराव हो गया। इससे वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया। यहां से वाहन रेंग-रेंग कर अपने गंतव्य को जा सके।
आठ साल से अटका ड्रेन का निर्माण
नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के परियोजना प्रबंधक डीके चतुर्वेदी ने बताया कि बेगराजपुर क्षेत्र में पूर्ण रूप से ड्रेन का निर्माण नहीं हो सका है। इसके लिए करीब 300 मीटर तक भूमि का अधिग्रहण किया जाना था, जो पिछले आठ साल से अटका हुआ है। मुजफ्फरनगर प्रशासन से कई बार इस संबंध में वार्ता की गई, लेकिन मामले का हल नहीं हो सका है। हाईवे पर अधूरे ड्रेनेज सिस्टम के कारण ही जलभराव हो रहा है। पंपिग सेट लगाकर पानी को निकलवाया जाता है।